वनडे क्रिकेट को रोचक बनाने के लिए रवि शास्त्री ने आईसीसी को दिया बड़ा सुझाव
टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच और साल 1983 में वर्ल्ड कप विजेता टीम के सदस्य रवि शास्त्री ने आईसीसी को वनडे फॉर्मेट की लोकप्रियता को बनाए रखने के लिए इसे 40-40 ओवर वाले फॉर्मेट में तब्दील करने का सुझाव दिया है।
रवि शास्त्री और सूर्यकुमार यादव( साभार Ravi Shastri)
अहमदाबाद: भारत में होने वाले वनडे विश्व कप में सात महीने से भी कम समय रह गया है और देश की क्रिकेट टीम के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री का मानना है कि इस टूर्नामेंट को नयापन देने के लिये आईसीसी टूर्नामेंट के भविष्य के चरणों को 40-40 ओवर का कर देना चाहिए। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चौथे टेस्ट के चौथे दिन रविवार को पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, 'वनडे क्रिकेट को बचे रहने के लिए इसे भविष्य में घटाकर 40-40 ओवर का कर देना चाहिए।'
1987 में 50 ओवर फॉर्मेट का हुआ वनडे क्रिकेट
शास्त्री ने कहा कि वनडे में दर्शकों की घटती संख्या का निवारण किया जाना चाहिए और उन्होंने कहा कि जब कपिल देव की अगुआई वाली भारतीय टीम ने 1983 में वनडे विश्व कप जीता था तो यह 60-60 ओवर का टूर्नामेंट हुआ करता था लेकिन बाद में इसे घटाकर 50-50 ओवर का कर दिया गया।
भारत में नहीं संभव थे वनडे में दो ब्रेक
उन्होंने कहा,'मैं यह इसलिये कह रहा हूं क्योंकि जब हमने 1983 में विश्व कप जीता था तो यह 60 ओवर का मैच हुआ करता था। फिर लोगों का आकर्षण इसके प्रति कम होता गया तो यह 50 ओवर का बन गया। मुझे लगता है कि अब समय आ गया है जब इसे 40-40 ओवर का कर देना चाहिए। समय के साथ बदलना जरूरी है, प्रारूप को घटाना चाहिए।'शास्त्री की दर्शकों की दिलचस्पी कम होने की बात सही है लेकिन जब 1987 में विश्व कप उप महाद्वीप में कराया गया था तो 120 ओवर के दौरान दो ब्रेक (लंच और चाय) करना संभव नहीं था जैसा कि इंग्लैंड में पिछले तीन चरण के दौरान हुआ था।
टी20 फॉर्मेट अहम, लेकिन खत्म हो लेकिन
शास्त्री ने कहा कि टी20 प्रारूप खेल में बड़ी कमाई करता रहेगा, लेकिन वह द्विपक्षीय टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला को पसंद नहीं करते और उनका कहना है कि इन्हें कम कर देना चाहिए। यह महान क्रिकेटर द्विपक्षीय श्रृंखला को कम करने की वकालत करता रहा है। उन्होंने कहा,'मुझे लगता है कि टी20 प्रारूप महत्वपूर्ण है। इसे विकसित करने की जरूरत है। लेकिन मुझे लगता है कि द्विपक्षीय श्रृंखला को कम किया जाना चाहिए।'
कायम रहेगा टेस्ट क्रिकेट का वजूद
पूर्व खिलाड़ी ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट अपने शीर्ष अहम स्थान का लुत्फ उठाना जारी रखेगा क्योंकि यही महत्वपूर्ण प्रारूप है। उन्होंने कहा, 'टेस्ट क्रिकेट हमेशा टेस्ट क्रिकेट बना रहेगा और इसे सबसे ज्यादा महत्व दिया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि भारत में सभी प्रारूपों के लिए जगह है। विशेष रूप से उपमहाद्वीप में। विशेष रूप से ऑस्ट्रेलिया जैसी जगहों पर।'
वनडे फॉर्मेट ने खो दिया है आकर्षण
भारतीय क्रिकेटर दिनेश कार्तिक ने भी कहा कि एकदिवसीय प्रारूप अपना आकर्षण खो रहा है और इस साल अक्टूबर-नवंबर में भारत में होने वाला विश्व कप आखिरी संस्करण हो सकता है। कार्तिक ने कहा,'वनडे प्रारूप ने अपना आकर्षण खो दिया है। हम इस साल के अंत में या उसके बाद एक और विश्व कप देख सकते हैं। लोग टेस्ट क्रिकेट देखना चाहते हैं, जो क्रिकेट का सही मायने में प्रारूप है और टी20 मनोरंजन के लिए है।'
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