पीएफ धोखाधड़ी मामले पर गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद रॉबिन उथप्पा ने तोड़ी चुप्पी, जारी किया बयान
भारत के पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा ने पीएम धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद अपनी चुप्पी तोड़ते हुए बयान जारी किया है। जानिए उन्होंने क्या कहा?
रॉबिन उथप्पा
बेंगलुरु: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा के खिलाफ प्रोविडेंट फंड (पीएफ) धोखाधड़ी के आरोपों के बाद शनिवार को गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया। उथप्पा पर आरोप है कि उन्होंने अपनी कंपनी के कर्मचारियों के वेतन से रकम काटने के बाद बावजूद उनके पीएफ अंशदान को रोक दिया। उथप्पा सेंचुरीज़ लाइफस्टाइल ब्रांड प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी चलाते हैं और कर्मचारियों के वेतन से 23 लाख रुपये काटने के बावजूद पीएफ की राशि को उनके खाते में जमा नहीं कराया। अब कर्नाटक के इस क्रिकेटर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया है।
राशि जमा करते ही रद्द हो जाएगा वारंट
उथप्पा के खिलाफ वारंट बेंगलुरु में केआर पुरम के क्षेत्रीय पीएफ आयुक्त -II और वसूली अधिकारी, सदाक्षर गोपाल रेड्डी द्वारा जारी किया गया था। रेड्डी का आरोप है कि उथप्पा से 23.36 लाख रुपये वसूले जाने थे। इस मामले में सीनियर अधिकारी ने पुलकेशिनगर पुलिस को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। ऑर्डर के अनुसार, उथप्पा अगर राशि जमा कराते हैं तो वारंट रद्द हो जाएगा।
अपनी कार्यकारी भूमिका से किया उथप्पा ने इनकार
ऐसे में रॉबिन उथप्पा ने शनिवार रात अपना पक्ष रखते हुए सोशल मीडिया पर लिखित बयान जारी की और अपनी ओर से सफाई दी है। उथप्पा ने स्ट्रॉबेरी लेन्सेरिया प्राइवेट लिमिटेड(Strawberry Lenceria Pvt. Ltd), सेंटॉरस लाइफस्टाइल ब्रांड्स प्राइवेट लिमिटेड(Centaurus Lifestyle Brands Pvt. Ltd) और बेरीज़ फैशन हाउस(Berryz Fashion House) जैसी कंपनियों के साथ अपने संबंधों को स्पष्ट किया और उनके संचालन में किसी भी कार्यकारी भूमिका से दृढ़ता से इनकार किया।
इन कंपनियों को दिया था लोन
एक विस्तृत बयान में, उथप्पा ने बताया कि उन्हें 2018-19 के दौरान इन कंपनियों के निदेशक के रूप में केवल ऋणप्रदाता के रूप में वित्तीय योगदान की वजह से नियुक्त किया गया था। हालांकि,उनकी भागीदारी सीमित रही, क्योंकि पेशेवर प्रतिबद्धताओं की वजह से कंपनियो के दिन-प्रतिदिन के संचालन में शामिल होने के लिए समय या विशेषज्ञता नहीं थी इसलिए उन्होंने उनका साथ छोड़ दिया। उथप्पा ने जोर देकर कहा कि उन्होंने कभी भी इन या किसी अन्य व्यवसाय में कार्यकारी भूमिका नहीं निभाई है जिन्हें उन्होंने वित्त पोषित किया है।
नहीं लौटाया पैसा तो की कानूनी कार्रवाई
इसके अलावा उथप्पा ने ये खिलासा किया,कंपनियां उनके ऋण चुकाने में विफल रहीं, जिसके कारण उन्हें उनके खिलाफ़ कानूनी कार्यवाही शुरू करनी पड़ी, जो वर्तमान में चल रही है। उथप्पा ने बताया कि उनकी लीगल टीम ने पहले ही पीएफ अधिकारियों को इसमें शामिल नहीं होने की पुष्टि करने वाले दस्तावेज़ों के साथ जवाब दे दिया है। उथप्पा ने मीडिया से मामले की सटीक रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने और तथ्यों की पूरी तरह से पुष्टि किए बिना आरोपों को सनसनीखेज बनाने से परहेज़ करने का भी आग्रह किया।
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