IND vs AUS: भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट के लिए सचिन तेंदुलकर की सटीक Analysis, यहां पढ़ें
Sachin Tendulkar analysis, IND vs AUS 1st Test: भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया पहले टेस्ट मैच से पहले टीम इंडिया के पूर्व महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपने अनुभव के आधार पर कई ऐसी चीजें बताई हैं जो इस मैच में प्रभावी होती नजर आ सकती हैं। आइए जानते हैं कि मास्टर-ब्लास्टर ने क्या कुछ कहा।
सचिन तेंदुलकर
तेंदुलकर ने कहा, ‘‘टी20 और वनडे खेलने से लेकर अब टेस्ट टीम में जगह बनाने तक उन्होंने (सूर्यकुमार यादव) दुनिया भर में अपनी अतुलनीय छाप छोड़ी है। जो भी सूर्यकुमार के खेल पर नजर रखते हैं, वे उसकी क्षमता और सोचने के तरीके के कायल हो जाते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन टेस्ट क्रिकेट अलग तरह का खेल है। सूर्यकुमार टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए पूरी तरह से तैयार दिखता है। उसकी क्षमता के किसी खिलाड़ी के नाम पर लोकेश राहुल और शुभमन गिल के साथ विचार किया जाना चाहिए। तीनों सक्षम खिलाड़ी हैं और मैं यहां कोई निर्णय नहीं देना चाहता हूं लेकिन तीनों टीम में जगह बनाने में सक्षम हैं।’’
टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वाले तेंदुलकर सर्वश्रेष्ठ अंतिम एकादश की बहस में नहीं पड़ना चाहते थे लेकिन उन्होंने कहा कि टीम में जगह बनाए रखने के लिए प्रदर्शन में निरंतरता जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं टीम संयोजन और उस सब में नहीं पड़ना चाहता। लेकिन अगर हम हाल के दिनों की बात करें तो शुभमन गिल अच्छी फॉर्म में है और राहुल योगदान नहीं दे पाया है लेकिन यही जीवन है। आप इन उतार-चढ़ावों से गुजरते हैं। ये दोनों बेहतरीन खिलाड़ी हैं और टीम में अपनी जगह बनाए रखने के लिए रन बनाना जारी रखना होगा।’’
भारत के नंबर एक बल्लेबाज विराट कोहली और सीमित ओवरों के क्रिकेट में उनकी फॉर्म में वापसी के बारे में बात करते हुए तेंदुलकर ने कहा कि यह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले टीम के लिए अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह से उसने पिछले कुछ महीनों में खेला है, मुझे वास्तव में यह देखकर अच्छा लगा, दबदबे वाला, वह जो करना चाहता था उसे लेकर सुनिश्चित था’’
तेंदुलकर निश्चित रूप से नाथन लियोन और कोहली के बीच टक्कर देखना चाहेंगे क्योंकि यह दो दिग्गज खिलाड़ियों के बीच शानदार मुकाबला होगा। तेंदुलकर ने कहा, ‘‘विश्व क्रिकेट को इस तरह की प्रतिद्वंद्विता की जरूरत है। इस तरह की प्रतिद्वंद्विता का होना महत्वपूर्ण है और याद रखिए कि जब ऑस्ट्रेलिया 1998 में आया था तो इसे वार्न बनाम तेंदुलकर कहा गया था और मुझे सभी को याद दिलाना पड़ा था कि यह वार्न बनाम तेंदुलकर नहीं बल्कि ऑस्ट्रेलिया बनाम भारत है। लेकिन हर कोई ऐसी प्रतिद्वंद्विता देखना पसंद करता है।’’
पुजारा नई दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में श्रृंखला के दूसरे मैच के दौरान 100 टेस्ट की उपलब्धि हासिल करने के लिए तैयार हैं। 98 मैचों में 7000 से अधिक टेस्ट रन बनाने वाले पुजारा के ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को परेशान करने की उम्मीद है। दो सौ टेस्ट खेलने वाले एकमात्र क्रिकेटर तेंदुलकर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि पुजारा की उपलब्धियों को पर्याप्त मान्यता नहीं दी गई है और टीम में उनके महत्व को भी पर्याप्त मान्यता नहीं दी गई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने देश के लिए शानदार प्रदर्शन किया है और भारतीय क्रिकेट टीम को जो भी सफलता मिली है उसमें उनका बहुत बड़ा योगदान है।’’
ऑस्ट्रेलिया को निश्चित रूप से मिशेल स्टार्क की कमी खलेगी लेकिन तेंदुलकर को लगता है कि बाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज की गैरमौजूदगी से ऑफ स्पिनर लियोन का प्रभाव कम हो सकता है।
अराउंड द विकेट गेंदबाजी (बाएं हाथ के बल्लेबाजों को ओवर द विकेट)करने वाले स्टार्क अक्सर पिच पर अपने पैरों के निशान बनाते हैं और यह दाएं हाथ के बल्लेबाजों के लिए परेशानी का सबब बन जाता है (जब एक स्पिनर गेंदबाजी करता है और पैरों के निशान का फायदा उठाता है)। तेंदुलकर ने कहा, ‘‘लियोन एक विश्व स्तर का गेंदबाज है और वह तब अधिक प्रभावी हो जाता है जब स्टार्क खेलता है क्योंकि दाएं हाथ के बल्लेबाज के ऑफ स्टंप के बाहर पैर के निशान बन जाते हैं। ये चीजें मैच में काफी महत्वपूर्ण होती हैं।’’
पारंपरिक रूप से स्पिनर गेंद पुरानी होने पर प्रभावी होते हैं लेकिन तेंदुलकर के अनुसार रविचंद्रन अश्विन के मामले में सुबह की हवा में ठंडक और पिच में नमी की मौजूदगी उन्हें पहले ही घंटे में महत्वपूर्ण बना सकती है। तेंदुलकर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वह 450 विकेट से सिर्फ एक विकेट दूर है। अश्विन एक विश्व स्तरीय गेंदबाज है और वह कई वर्षों से शानदार प्रदर्शन कर रहा है। उसके पास जो विविधता है वह वास्तव में विशेष है और वह चीजों को आजमाने से डरता नहीं है। वह बल्लेबाजों के लिए स्थिति को असहज बनाना चाहता है और ऐसा ही होना चाहिए।’’
तेंदुलकर का मानना है कि अंतिम 11 में जडेजा की उपस्थिति आवश्यक संतुलन प्रदान करती है और वह टेस्ट क्रिकेट में छठे नंबर पर नियमित रूप से बल्लेबाजी करने के लिए सक्षम है। उन्होंने कहा, ‘‘जडेजा एक पैकेज के रूप में जबरदस्त है। यदि आप पिछले कुछ सत्रों में ध्यान दें तो उन्होंने अपनी बल्लेबाजी में सुधार किया है और मेरे लिए वह नंबर छह पर बल्लेबाजी करने के लिए काफी अच्छा है और उसने भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण पारियां खेली हैं। गेंदबाजी में भी उन्होंने हाल में प्रथम श्रेणी मैच खेला और विकेट प्राप्त किए (तमिलनाडु के खिलाफ सात विकेट)। दुर्भाग्य से उसे चोट (घुटने की) लगी और उसके जैसे खिलाड़ी चुनौतियों से पार पा लेंगे।’’
जहां हर कोई स्पिनरों के प्रभाव के बारे में बात कर रहा है, वहीं तेंदुलकर ने कहा कि रिवर्स स्विंग भी अहम होगी। उन्होंने कहा, ‘‘हर सुबह के पहले घंटे में तेज गेंदबाज महत्वपूर्ण होंगे और स्पिनर भी क्योंकि सुबह पिच से मदद मिलेगी। मुझे याद है कि मैंने नागपुर में एक मैच खेला था जहां सुबह के सत्र में स्पिनरों का दबदबा था। कुछ गेंद सीधी जाती थी और कुछ काफी तेजी से टर्न करती थी। बल्लेबाजों के लिए यह अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता था कि कौन सी गेंद टर्न होगी और कौन सी सीधे आएगी। इस श्रृंखला में रिवर्स स्विंग भी महत्वपूर्ण होगी।’’ एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर होने की चुनौती विभिन्न प्रकार की पिचों से सामंजस्य बैठाना है और तेंदुलकर को लगता है कि जब कोई टीम भारत आती है तो उन्हें अच्छी तरह से पता होना चाहिए कि पिच से टर्न मिलेगा।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | क्रिकेट (sports News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited