WPL 2023: आरसीबी महिला खिलाड़ियों को खेल के मानसिक पहलुओं से रूबरू करवाएंगी भारत की यह दिग्गज खिलाड़ी

Womens Premier League 2023: विमेंस प्रीमियर लीग का आज शनिवार से होने जा रहा है। इससे पहले रॉयल्स चैलेंजर्स बेंगलोर की मेंटर और भारत की दिग्गज टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा टीम की खिलाड़ियों को खेल के मानसिक पहलुओं से रूबरू करवाएंगी।

Sania Mirza

सानिया मिर्जा। (Instagram)

तस्वीर साभार : भाषा

Womens Premier League 2023: भारत की दिग्गज टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा को क्रिकेट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) के शुरुआती सत्र में वह खिलाड़ी के तौर पर वह रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (आरसीबी) के युवा क्रिकेटरों को मानसिक पहलुओं से निपटने के बारे में बताएंगी। सानिया को आरसीबी ने डब्ल्यूपीएल के लिए मेंटोर बनाया है। आरसीबी का नेतृत्व भारतीय सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना कर रही है और टीम रविवार को अपने अभियान का आगाज दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ करेगी।

मदद करना होगा महिला खिलाड़ियों को

आरसीबी ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें सानिया टीम के खिलाड़ियों से बातचीत करती दिख रही है। सानिया ने इस वीडियो में कहा, ‘मैं क्रिकेट के बारे में कुछ नहीं जानती। मैंने सोचा (जब मुझे मेंटोर बनाया गया था) मैं क्या करने जा रही हूं। मैं लड़कियों से क्या बात करूंगी। मैं हाल ही में खेल को अलविदा कहा है। मैं सोचा कि जीवन में मेरा अगला कदम भारत की महिला खिलाड़ियों को मदद करना होगा।’ सानिया ने कहा, ‘किसी भी खेल में मैं मानसिक पहलू को लेकर मदद कर सकती हूं। मैंने पिछले 20 वर्षों से इसका सामना किया है।’

मैं बस रुकना चाहती थी

सानिया ने एक खिलाड़ी ने पूछा कि उनके लिए संन्यास लेना कितना मुश्किल फैसला था। इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘मैं वास्तव में इसके लिए तैयार थी। मेरा एक बेटा है जो चार साल का है और ईमानदारी से कहूं तो पिछला एक साल संघर्षपूर्ण रहा है। मेरे तीन ऑपरेशन हुए। मैंने हालांकि शीर्ष रहते हुए खेल को अलविदा कहने का सोचा था। मैं बस रुकना चाहती थी।’

सब कुछ मैंने अपने दम पर संभाला

सानिया ने कहा कि मेंटोर के रूप में उनकी भूमिका आरसीबी को डब्ल्यूपीएल खिताब की ओर बढ़ने में मदद करने की होगी।

उन्होंने कहा, ‘मैं व्यक्तिगत खेल में थी, इसलिए फोटो शूट, मीडिया का ध्यान सब कुछ मैंने अपने दम पर संभाला। ऐसे में मैंने सोचा कि लड़कियों से इस तरह की चीजें साझा कर सकती हूं।’ पूर्व खिलाड़ी ने कहा, ‘खेल में दबाव महसूस करना सामान्य है, लेकिन आपको बस इससे निपटने का तरीका ढूंढना होगा। आपको बाहर की चर्चा को अनसुना करना होगा। ऐसे मामलों में भारतीय मीडिया सख्त है।’

हर चीज में है संघर्ष

संघर्ष को हर खिलाड़ी के जीवन का हिस्सा बताते हुए सानिया ने कहा, ‘हर चीज में संघर्ष है। हमें कोर्ट (टेनिस खेलने की जगह) नहीं मिलता था। हम ऐसे कोर्ट पर खेलते थे, जिसे गोबर से लीपा जाता था। हमारे पास कोच नहीं थे, जो कोच थे वे विशेषज्ञ नहीं थे। फिर लड़कियों का अपना एक अलग संघर्ष होता है।’ आगे उन्होंने कहा, ‘एक एथलीट के रूप में हमारा काम अगली पीढ़ी को प्रेरित करना है। चैंपियन वह नहीं हैं जो हर समय जीत रहा हो, असली चैंपियन वह हैं, जो खराब लय के होने के बाद भी जीतने का जज्बा दिखाता है। आपको यह याद रखना होगा कि आपने क्रिकेट खेलना क्यों शुरू किया, क्योंकि आप इस खेल से प्यार करते हैं।’

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