गांगुली की BCCI से छुट्टी पर आई कोहली मीम्स की बाढ़, लोग बोले- यह तो कर्मों का फल है
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की बीसीसीआई अध्यक्ष पद से विदाई तय हो चुकी है। गांगुली का अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल अगले हफ्ते समाप्त हो जाएगा। बोर्ड की सालाना आम बैठक में गांगुली की जगह 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य रोजर बिन्नी का अध्यक्ष बनना तय है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को कुछ ही दिनों में नया अध्यक्ष मिलने जा रहा है। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने गुरुवार को खुद पुष्टि कर दी कि बतौर अध्यक्ष उनकी विदाई तय है। जब से गांगुली का बीसीसीआई से जाना कंफर्म हुआ है, तब से सोशल मीडिया पर विराट कोहली मीम्स की बाढ़ आ गई है। कोहली फैंस इसे कर्मों का फल बता रहे हैं। दरअसल, कोहली ने पिछले साल टी20 विश्व कप के बाद टी20 फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ी दी थी और वह टेस्ट और वनडे के कप्तान बने रहना चाहते थे। हालांकि, कोहली को वनडे कप्तानी से हटा दिया गया, जिसके बाद उन्होंने टेस्ट टीम की कमान भी छोड़ी दी।
कोहली फैंस ने कुछ यूं किया रिएक्टएक यूजर ने लिखा, 'विराट कोहली वनडे टीम की अगुवाई करते रहना चाहते थे लेकिन मना कर दिया गया। सौरव गांगुली बतौर बीसीसीआई दूसरा कार्यकाल चाहते थे लेकिन मना कर दिया गया। कर्म पीछा नहीं छोड़ते सर।' कोहली फैन ने कहा, 'गांगुली ने वाकई विराट कोहली की मानसिक शांति को बर्बाद कर दिया था। कोहली भारत के सबसे महान क्रिकेटर और गौरव हैं। यह सिर्फ आपके कर्म हैं, जिसकी मार अब पड़ी है।'
अन्य यूजर ने कमेंट किया, 'आपके कर्म पलटवार करते हैं। अब गांगुली को वैसे ही हटा दिया गया है, जैसे उन्होंने विराट कोहली के साथ किया था।' कोहली फैन ने लिखा, 'कोहली को आउट करने के लिए गांगुली ने काफी मेहनत की। कोहली ने ना सिर्फ अपनी फॉर्म वापस हासिल कर ली बल्कि नुकसान पहुंचाने वालों को भी तहस-नहस कर दिया।' इसके अलावा कई लोगों ने गांगुली वाले इस पूरे एपिसोड पर वीडियो शेयर कर अपनी प्रतिक्रिया दी।
सौरव गांगुली ने क्या कुछ कहा?बीसीसीआई से रवानगी को लेकर चर्चाओं के बीच बोर्ड गांगुली ने कहा कि वह हमेशा प्रशासक नहीं बने रह सकते और खारिज किया जाना जीवन का हिस्सा है। गांगुली ने कहा, 'आप हमेशा नहीं खेल सकते। हमेशा प्रशासक भी बने नहीं रह सकते लेकिन दोनों काम में मजा आया। सिक्के के दोनों पहलू देखना रोचक रहा। आगे कुछ और बड़ा करूंगा।' उन्होंने कहा, 'मैं क्रिकेटरों का प्रशासक था । इतना क्रिकेट हो रहा है कि फैसले लेने पड़ते हैं। इतना पैसा इससे जुड़ा है। महिला क्रिकेट है, घरेलू क्रिकेट है। कई बार फैसले लेने पड़ते हैं।'
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