मैदान पर खूब चलती थी दादा की दादागिरी, 52वें बर्थडे पर पढें उनके रिकॉर्डबुक की कुछ फुलझड़ी
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और क्रिकेट की दुनिया के दादा आज 52 साल के हो गए हैं। गांगुली की पहचान एक ऐसे कप्तान के तौर पर की जाती है जिसने टीम इंडिया को बाहर जाकर जीतना सिखाया।
सौरव गांगुली का जन्मदिन (साभार-Sachin X)
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान सौरव गांगुली 8 जुलाई को 52 साल के हो गए हैं। इस मौके पर उन्हें हर तरफ से शुभकामना मिल रही है। एक खिलाड़ी और कप्तान के साथ-साथ उन्होंने बीसीसीआई चीफ रहते कई बड़े फैसले लिए। उनके जन्मदिन के मौके पर सचिन सहित पूरा देश उन्हें जन्मदिन की बधाईयां दे रहा है। दादा की पहचान टीम कैप्टन के तौर पर की जाती है। वह अक्सर अपने खिलाड़ी के लिए मैदान में किसी से भी भिड़ जाते थे।
गांगुली भारतीय क्रिकेट इतिहास के एक महान बल्लेबाज और कप्तान के रूप में जाने जाते हैं। अपने करियर की शुरुआत में उन्होंने 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ अपनी पहली दो टेस्ट पारियों में शतक लगाकर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। जल्द ही उन्होंने टेस्ट और वनडे दोनों प्रारूपों में अपनी जगह पक्की कर ली। खासकर वनडे क्रिकेट में उनको सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक माना जाता है।
सौरव गांगुली ने भारतीय क्रिकेट को एक नई दिशा दी और एमएस धोनी के आने से पहले तक वह भारत के सबसे सफल कप्तान रहे। गांगुली की कप्तानी में भारत ने 2001 में उस वक्त की लगभग अजेय टीम ऑस्ट्रेलियाई को हराया था। गांगुली को प्यार से 'दादा' बुलाया जाता है और उनकी कप्तानी में भारत ने निडर माइंडसेट के साथ क्रिकेट खेलकर विदेशों में जीतने का सिलसिला शुरू किया। गांगुली ने युवा खिलाड़ियों को मौका देकर एक नई भारतीय टीम बनाई और उनकी कप्तानी में भारत 2003 विश्व कप के फाइनल में भी पहुंचा, ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज भी ड्रा कराई और 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट और वनडे सीरीज जीती।
मेलबर्न में की थी शानदार वापसी
हालांकि, 2005 में कोच ग्रेग चैपल के साथ मतभेद के चलते उन्हें कप्तानी से हटा दिया गया। लेकिन गांगुली ने 2006 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फिर शानदार वापसी की और दिसंबर 2007 में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में अपना 100वां टेस्ट मैच खेला। उन्होंने 2008 में घरेलू मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2-0 की जीत के बाद क्रिकेट को अलविदा कह दिया। 2019 में, बंगाल क्रिकेट संघ को संभालने के बाद गांगुली भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के भी अध्यक्ष बने।
गांगुली के नाम कुछ बड़े रिकॉर्ड
गांगुली के नाम आज भी कुछ ऐसे शानदार रिकॉर्ड हैं जिनका टूटना आसान नहीं है। वनडे विश्व कप के इतिहास में उनके नाम किसी भी भारतीय द्वारा बनाया गया सर्वोच्च स्कोर भी शामिल है, जो उन्होंने 1999 में श्रीलंका के खिलाफ बनाया था। तब गांगुली ने 158 गेंदों पर 183 रनों की पारी खेली थी। इसी मैच में गांगुली ने विश्व कप इतिहास में सबसे बड़ी साझेदारी करने का भी रिकॉर्ड बनाया था। तब उन्होंने राहुल द्रविड़ के साथ मिलकर 318 रनों की साझेदारी की थी। गांगुली इसके अलावा लगातार चार बार वनडे क्रिकेट में प्लेयर ऑफ द मैच भी रहे हैं। ये सीरीज टोरंटो में पाकिस्तान के खिलाफ 1997 में खेली गई थी।
गांगुली टेस्ट मैचों में भी भारत के लिए बतौर बाएं हाथ के बल्लेबाज सर्वोच्च स्कोर करने वाले खिलाड़ी हैं। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ बेंगलुरु टेस्ट में 239 रनों की पारी खेली थी। गांगुली के अधिकतर बड़े रिकॉर्ड वनडे क्रिकेट में ही बने है। उन्होंने चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ 2000 में 117 रनों की पारी खेली थी, जो आज तक किसी भी बल्लेबाज का इस टूर्नामेंट के फाइनल में सर्वोच्च स्कोर है।
(IANS इनपुट के साथ)
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