Sourav Ganguly Birthday: 51 साल के हुए 'प्रिंस ऑफ कोलकाता', कहानी सौरव गांगुली के दादा बनने की
बीसीसीआई के पूर्व चीफ और कप्तान सौरव गांगुली आज अपना 51वां जन्मदिन मना रहे हैं। आइए उनके जन्मदिन के मौके पर उनके कुछ उपलब्धियों के बारे में जान लेते हैं जिसने उन्हें एक खिलाड़ी से भारतीय क्रिकेट का दादा बना दिया। प्रिंस ऑफ कोलकाता के नाम से मशहूर गांगुली वर्तमान मे दिल्ली कैपिटल्स टीम के डायरेक्टर हैं।
सौरव गांगुली (साभार-Twitter)
मुख्य बातें
- सौरव गांगुली का 51वां जन्मदिन
- प्रिंस ऑफ कोलकाता कैसे बने क्रिकेट के दादा
- सौरव गांगुली के रिकॉर्ड और उपलब्धियां
भारत के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई चीफ सौरव गांगुली आज अपना 51वां जन्मदिन मना रहे हैं। भारतीय क्रिकेट को बाहर जीतना सिखाने वाले कप्तान गांगुली को यूं तो कई नामों से जाना जाता है, लेकिन जब बात क्रिकेट की होती है तो उन्हें ऑफ साइड का भगवान कहा जाता था। इसके अलावा फैंस के दिलो-दिमाग में पर एक चेहरा हमेशा के लिए घर कर गया है जब उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ शानदार जीत के बाद लॉर्ड्स की बालकनी पर अपना टी शर्ट लहराया था। जब भी भारतीय क्रिकेट टीम की देश के बाहर प्रदर्शन की बात होती है यह तस्वीर एक परिचायक बन गई है कि कैसे उन्होंने भारतीय क्रिकेट को बाहर जाकर जीतना सिखाया। साल 2008 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले गांगुली ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले ही टेस्ट में सेंचुरी जड़कर यह बता दिया था कि वह भारतीय क्रिकेट के दादा हैं।संबंधित खबरें
वनडे में भी आए तो छा गए दादा
1997 में जब उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ वनडे क्रिकेट खेलना शुरू किया तो वहां भी लगातार 4 'मैन ऑफ द मैच' पाकर छा गए। उनका यह प्रदर्शन 1999 वर्ल्ड कप में भी जारी रहा जहां उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ मैच में 183 रन की अद्भुत पारी खेली।संबंधित खबरें
मैच फिक्सिंग के दलदल से निकाला
साल 2000 भारतीय क्रिकेट के लिए सबसे खराब दौर था, जब भारतीय क्रिकेट पर फिक्सिंग का साया मंडरा रहा था। ऐसी स्थिति में एक ऐसे लीडर की दरकार थी जो न केवल एक टीम खड़ी करे बल्कि उसमें नया जोश और जूनून भी भरे। उन्होंने यह काम बाखूबी किया और टीम को आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी में फाइनल में पहुंचा दिया। जल्द ही उनकी टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2-1 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी भी जीती।संबंधित खबरें
नेटवेस्ट ट्रॉफी का आइकॉनिक मोमेंट
सौरव गांगुली के क्रिकेट करियर की बात करें तो साल 2002 में नेटवेस्ट ट्रॉफी के जिक्र के बिना अधूरी है। जब भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ यादगार जीत दर्ज की थी और गांगुली ने लॉर्ड्स की बालकनी पर अपना टी-शर्ट उतारकर लहराया था।संबंधित खबरें
2003 में वर्ल्ड कप का फाइनल टीम इंडिया ने उनकी कप्तानी में साल 2003 में वर्ल्ड कप के फाइनल में जगह बनाई, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने उनका दूसरी बार वर्ल्ड कप जीतने का सपना तोड़ दिया। साल 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ उनकी ही सरजमीं पर टेस्ट और वनडे सीरीज में जीत हासिल की। गांगुली के लिए साल 2005-06 रहा खराब
उनके लिए साल 2005-06 का साल बेहद खराब रहा जब उनका कोच ग्रेग चैपल के साथ विवाद हुआ। नतीजा उन्हें टीम से बाहर भी जाना पड़ा। लेकिन वह अपनी जिद और मेहनत के दम पर टीम में लौटे, लेकिन 2008 में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
सौरव गागुंली का क्रिकेट करियर
सौरव गांगुली के क्रिकेट करियर की बात करें तो वनडे क्रिकेट में उनके नाम 11363 रन के अलावा विकेट हैं, जबकि टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 7,212 रन बनाए हैं। वह साल 2012 तक आईपीएल का भी हिस्सा रहे, जहां उन्होंने 59 मैच में 1,349 रन बनाए।संबंधित खबरें
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समीर कुमार ठाकुर author
मैं समीर कुमार ठाकुर टाइम्स नाउ हिंदी (Timesnowhindi.com) की स्पोर्ट्स टीम का अहम सदस्य हूं। मैं मूल...और देखें
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