BCCI सेंट्रल कांट्रेक्ट में सूर्या-गिल को फायदा मिलने की उम्मीद, इन दो खिलाड़ियों को हो सकता है नुकसान
BCCI's central contract: सूर्यकुमार यादव और शुभमन गिल को इस साल सेंट्रल कांट्रेक्ट में फायदा मिलने की उम्मीद है। वहीं भारतीय टीम के दो अनुभवी खिलाड़ियों को बाहर किया जा सकता है। यह फैसले बीसीसीआई की शीर्ष परिषद की 21 दिसंबर को होने वाली बैठक के दौरान लिए जा सकते हैं। हार्दिक पांड्या को भी प्रमोशन मिल सकता है।
सूर्यकुमार यादव
मुख्य बातें
- बीसीसीआई के सेंट्रल कांट्रेक्ट में सूर्या और गिल को मिल सकता है फायदा
- अजिंक्य रहाणे और इशांत शर्मा को सेंट्रल कांट्रेक्ट से बाहर किया जा सकता है
- हार्दिक पांड्या को ग्रुप सी से ग्रुप बी में प्रमोट किया जा सकता है
नयी दिल्ली: भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) की शीर्ष परिषद की 21 दिसंबर को होने वाली बैठक के दौरान 2022-23 सत्र के लिए सूची को अंतिम रूप दिए जाने के साथ अजिंक्य रहाणे और इशांत शर्मा को वार्षिक केंद्रीय अनुबंधों से हटाया जा सकता है, जबकि शुभमन गिल और सूर्यकुमार यादव को पदोन्नति मिल सकती है।
भविष्य के टी20 कप्तान के रूप में पेश किये जा रहे हार्दिक पांड्या को ग्रुप सी से ग्रुप बी में पदोन्नति मिलने की संभावना है। इस बैठक के एजेंडे में 12 मुद्दे सूचीबद्ध है। यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की जाएगी। भारतीय टीम का टी20 विश्व कप और बांग्लादेश वनडे में प्रदर्शन की समीक्षा एजेंडे का हिस्सा नहीं है, लेकिन अगर अध्यक्ष जरूरी समझे तो चर्चा के लिए गैर-सूचीबद्ध मुद्दों पर विचार किया जा सकता है।
इस बैठक में शीर्ष परिषद वी जयदेवन के लिए एकमुश्त भुगतान की भी पुष्टि करेगी। जयदेवन की तैयार की गयी प्रणाली (वीजेडी) का इस्तेमाल बारिश से प्रभावित घरेलू सीमित ओवरों के मैचों में होता है। जिसका वर्षा-नियम सूत्र एक दशक से अधिक समय से घरेलू सफेद गेंद के खेल में उपयोग किया जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी डकवर्थ-लुईस-स्टर्न पद्धति (डीएलएस) का उपयोग करता है जबकि वीजेडी का उपयोग मुश्ताक अली टी-20, विजय हजारे ट्रॉफी और पूर्ववर्ती देवधर ट्रॉफी और चैलेंजर ट्रॉफी के लिए किया जाता है।
इस बैठक का मुख्य मुद्दा सीनियर पुरुष और महिला टीमों के लिए 'रीटेनरशिप अनुबंध' पर चर्चा करना है। भारतीय टीम में जगह बनाने की दौड़ से लगभग बाहर हो चुके पूर्व उपकप्तान रहाणे और तेज गेंदबाज इशांत का सूची से बाहर होना लगभग तय है। विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा को भी सूची से बाहर कर दिया जाएगा क्योंकि उन्हें साल की शुरुआत में बता दिया गया था कि उन्हें फिर से भारत के लिए नहीं चुना जाएगा।
बीसीसीआई चार वर्गों में खिलाड़ियों को केंद्रीय अनुबंध देता है जिसमें ए प्लस (सात करोड़ रुपये सालाना), ग्रुप ए (पांच करोड़ रुपये सालाना) ग्रुप बी (तीन करोड़ रुपये सालाना), और ग्रुप सी (एक करोड़ रुपये सालाना) शामिल है। बीसीसीआई खिलाड़ियों अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन के अलावा कई और मानकों को देखते हुए इस अनुबंध में खिलाड़ियों का वर्गीकरण को निर्धारित करता है। इसमें राष्ट्रीय चयनकर्ताओं के परामर्श करना भी शामिल है।
ए प्लस और ए ऐसी श्रेणियां हैं जहां खिलाड़ी या तो सभी प्रारूप में नियमित तौर पर खेलते है या टेस्ट और सीमित ओवर के किसी एक प्रारूप की टीम में उनकी जगह सुनिश्चित हो। ग्रुप बी में जगह पाने के लिए एक क्रिकेटर को कम से कम दो प्रारूप खेलने होते हैं, जबकि ग्रुप सी मुख्य रूप से एक प्रारूप में खेलने वाले खिलाड़ियों के लिए होता है।
इस सूची में जगह बनाने के लिए विशिष्ट संख्या में अंतरराष्ट्रीय मैचों (प्रति प्रारूप) में खेलने की जरूरत होती है। पदोन्नति हालांकि प्रदर्शन-आधारित होती है और इसमें आईसीसी रैंकिंग को भी ध्यान में रखा जाता है।
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, 'सूर्यकुमार ग्रुप सी में है लेकिन पिछले एक साल के प्रदर्शन के बूते ग्रुप ए नहीं तो कम से कम ग्रुप बी में पदोन्नति के हकदार है। वह आईसीसी की मौजूदा टी20 अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में शीर्ष बल्लेबाज हैं और ए टीम में जगह पाने के दावेदार भी है।
गिल अब नियमित तौर पर दो प्रारूप में खेलते है और वह ग्रुप सी से ग्रुप बी में पदोन्नति की उम्मीद कर रहे होंगे।'
इशान किशन जैसे बल्लेबाज ने भी पिछले कुछ समय में सीमित ओवरों की दोनों अंतरराष्ट्रीय प्रारूप में कई मैच खेल लिये है। उन्हें इस सूची में जगह मिलना लगभग पक्का है। पंडया को पिछली सूची में ग्रुप सी में डीमोट (पदावनत) कर दिया गया था क्योंकि चोट के कारण वह उस सत्र में ज्यादा क्रिकेट नहीं खेल पाये थे। उन्होंने दो टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखलाओं में टीम का नेतृत्व किया और टी20 टीम के नियमित कप्तानी करने के दावेदार है। आगामी सूची में वह ग्रुप बी में जगह बना सकते है।
इस बैठक में बीसीसीआई अपने दो प्रमुख जर्सी प्रायोजकों एजु-टेक कंपनी बायजूस और किट प्रायोजकों एमपीएल की स्थिति पर भी चर्चा करेगा। इसमें आधारभूत ढांचा उपसमिति का भी गठन किया जाएगा और पांच स्थलों के उन्नयन पर भी चर्चा की जाएगी। कंसल्टेंसी फर्म (परामर्श कंपनी) ग्रांट थॉर्नटन की नियुक्ति भी एजेंडा की सूची में है।
श्रीलंका, न्यूजीलैंड (एकदिवसीय और टी20 अंतरराष्ट्रीय) और ऑस्ट्रेलिया (टेस्ट और एकदिवसीय) के खिलाफ भारत की घरेलू श्रृंखला के लिए स्थलों की घोषणा पहले ही की जा चुकी है और पूर्व टेस्ट क्रिकेटर अशोक मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली नयी क्रिकेट सलाहकार समिति के साथ परिषद द्वारा इसकी पुष्टि की जाएगी।
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