पिता ने छोड़ दी थी नौकरी, अब टीम इंडिया में हुआ चयन तो बोले- 50 प्रतिशत सपना अब भी बाकी

Nitish Kumar Reddy: जिम्बाब्वे दौरे के लिए जो 15 सदस्यीय भारतीय टीम का ऐलान किया गया है जिसमें 4 खिलाड़ी को पहली बार जगह मिली है। सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से इस आईपीएल सीजन में उन्होंने शानदार बल्लेबाजी की थी।

नीतीश कुमार रेड्डी (साभार-Instagram)

Nitish Kumar Reddy: नितीश रेड्डी ने 12 साल की उम्र में देखा कि उनके पिता मुत्यालु को अपने बेटे के क्रिकेट को प्रभावित नहीं होने देने के लिए नौकरी छोड़ने पर आलोचना का सामना करना पड़ा। सोमवार को जब रेड्डी को जिंबाब्वे दौरे के लिए भारत की टी20 अंतरराष्ट्रीय टीम में पहली बार शामिल किया गया तो आंध्र के इस 21 वर्षीय ऑलराउंडर को लगता है कि उन्होंने अपने पिता को गौरवांवित करने के अपने लक्ष्य का केवल 50 प्रतिशत ही हासिल किया है।
भावुक रेड्डी ने पीटीआई से विशेष बातचीत में कहा, ‘‘भारतीय टीम में शामिल होना गर्व की बात है, लेकिन यह सपने का केवल 50 प्रतिशत ही है। यह तभी पूरा होगा जब मैं वह जर्सी पहनूंगा और अपने देश के लिए मैच जीतूंगा। मैं उन लोगों की नजरों में अपने पिता के लिए सम्मान देखना चाहता हूं जिन्होंने कभी मेरी प्रतिभा पर विश्वास करने के लिए उन्हें खरी-खोटी सुनाई थी।’’

9 साल में शुरू कर दिया था खेलना

विशाखापत्तनम के एक मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाले रेड्डी ने नौ साल की उम्र से ही शिविरों में जाना शुरू कर दिया था लेकिन जब वह 12 साल के थे तब केंद्र सरकार के कर्मचारी उनके पिता का तबादला राजस्थान में हो गया क्योंकि उनके शहर से विभाग स्थानांतरित हो गया था। रेड्डी ने अपने जीवन के सबसे भयावह दौर के बारे में बताया, ‘‘मेरे पिता ने पूछताछ की और पाया कि जिस शहर में हम रहने वाले थे वह मेरे खेल के विकास के लिए बहुत अच्छा नहीं था। मेरे पिता ने मेरी मां से बात करने के बाद नौकरी छोड़ने का फैसला किया। उन्हें अंतिम भुगतान के रूप में लगभग 20 लाख रुपये मिले और उन्होंने पैसे उधार देने का व्यवसाय शुरू करने का फैसला किया। उनके कुछ करीबी दोस्तों ने उन्हें धोखा दिया और वह अपनी पूरी कमाई खो बैठे।’’
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