WPL vs IPL: महिला प्रीमियर लीग शुरू करेगा नई पारी, जानिए आईपीएल से कितना पीछे

WPL vs IPL, Women Premier League, Indian Premier League: भारत अब दो टी20 प्रीमियर लीग का गवाह बनने के लिए तैयार है। आईपीएल की तर्ज पर अब महिला प्रीमियर लीग का आगाज होगा। सोमवार को डब्ल्यूपीएल 2023 के लिए खिलाड़ियों की नीलामी हो गई। आइए जानते हैं कि अब भी डब्ल्यूपीएल आईपीएल से कितना पीछे है।

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डब्ल्यूपीएल बनाम आईपीएल (BCCI/AP)

तस्वीर साभार : भाषा
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की उप कप्तान स्मृति मंधाना का महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) की नीलामी में तीन करोड़ 40 लाख रुपये में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (आरसीबी) से जुड़ने पर रोमांचित होना खिलाड़ियों के बीच इस बड़े दिन के उत्साह को दिखाता है। डब्ल्यूपीएल के साथ महिला क्रिकेट में नए अध्याय की शुरुआत हो रही है जहां वे इंडियन प्रीमियर लीग के अपने समकक्ष पुरुष खिलाड़ियों के समान करोड़ों रुपये की बोली आकर्षित कर रही हैं।
लंबे समय से भारत में महिलाओं की टी20 लीग शुरू करने की बात चल रही है लेकिन इस साल चार मार्च को सब कुछ बदल जाएगा जब पांच फ्रेंचाइजी के टूर्नामेंट का पहला मैच खेला जाएगा। पूरी संभावना है कि इसका आयोजन ‘बड़े टूर्नामेंट’ आईपीएल से पहले ही किया जाएगा। पैसे और रुतबे की बात करें तो डब्ल्यूपीएल और आईपीएल की तुलना नहीं की जा सकती। डब्ल्यूपीएल हालांकि महिला क्रिकेट में ग्लैमर लेकर आएगा जो अब तक इससे दूर था। साथ ही भारतीय खिलाड़ियों को विदेशी खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिलेगा।
मंधाना के लिए नीलामी में तीन करोड़ 40 लाख की बोली लगी जबकि दीप्ति शर्मा को यूपी वारियर्स ने दो करोड़ 60 लाख रुपये में खरीदा। जेमिमा रोड्रिग्स और युवा भारतीय सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा के लिए भी दिल्ली की टीम ने दो करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए। डब्ल्यूपीएल में हालांकि जहां खिलाड़ियों के लिए वेतन की कुल सीमा 12 करोड़ है तो वहीं पिछले साल आईपीएल की बड़ी नीलामी के लिए प्रत्येक फ्रेंचाइजी के पास 90 से 95 करोड़ रुपये का बजट था।
डब्ल्यूपीएल की पहली नीलामी और आईपीएल की पहली नीलामी की बात करें तो सोमवार को मंधाना को जो राशि मिली उसकी तुलना में तब चेन्नई सुपर किंग्स ने महेंद्र सिंह धोनी (नौ करोड़ 50 लाख रुपये) को खरीदने के लिए उससे लगभग तीन गुना अधिक राशि का भुगतान किया था। आईपीएल की 2010 की नीलामी में कोलकाता नाइट राइडर्स ने शेन बॉन्ड और मुंबई इंडियन्स ने कीरोन पोलार्ड के लिए चार करोड़ 80 लाख रुपये खर्च किए थे।
वर्ष 2011 से फ्रेंचाइजी की वेतन सीमा बढ़ने लगी। केकेआर ने तब गौतम गंभीर को 14 करोड़ 90 लाख रुपये में खरीदा था। समय आगे बढ़ने के साथ प्रसारण, मीडिया और ऑनलाइन राजस्व में इजाफा हुआ जिससे खिलाड़ियों को भी फायदा हुआ। रविंद्र जडेजा 2012 में 12 करोड़ 80 लाख रुपये बिके। आरसीबी ने युवराज सिंह के लिए 14 करोड़ रुपये खर्च किए जबकि दिल्ली डेयरडेविल्स (दिल्ली कैपिटल्स) ने फिर उनके लिए उस समय की आईपीएल रिकॉर्ड 16 करोड़ की बोली लगाई।
वेतन की बढ़ती सीमा के बीच इंग्लैंड के ऑलराउंडर सैम कुरेन को 2023 की नीलामी में सर्वकालिक रिकॉर्ड 18 करोड़ 50 लाख रुपये मिले। पुरुष क्रिकेटरों को मिलने वाली भारी भरकम राशि पर गौर करें मंधाना को मिलने वाली तीन करोड़ से अधिक की राशि मामूली ही नजर आती है।
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