IND vs ENG: राजकोट में भारत की जीत के बाद यशस्वी जायसवाल ने बताया अपनी सफलता का राज

भारत के सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने अपने छोटे से करियर में 7 टेस्ट की 13 पारियों में दो दोहरे शतक जड़ दिए है। राजकोट में जीत के बाद उन्होंने अपनी शानदार बल्लेबाजी का राज साझा किया है।

Yashasvi Jaiswal

यशस्वी जायसवाल

तस्वीर साभार : भाषा

राजकोट: अपने आक्रामक क्रिकेट के दम पर करियर के शुरुआती दौर में ही दो दोहरे शतक जड़ने वाले युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट ‘कठिन’ है, लेकिन वह अच्छी शुरुआत को बड़ा बनाने में विश्वास रखते हैं। बांए हाथ के बल्लेबाज ने इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में 236 गेंदों में नाबाद 214 रन बनाए। इससे भरत ने चार विकेट पर 430 रन बना कर इंग्लैंड को जीत के लिए 557 रन का विशाल लक्ष्य दिया। इंग्लैंड की टीम 122 रन पर आउट हो गयी जिससे भारत ने रिकॉर्ड 434 रन से जीत दर्ज की।

सातवें टेस्ट नें जड़ा दूसरा दोहरा शतक

वेस्टइंडीज के खिलाफ जुलाई 2023 में पदार्पण करने वाले जायसवाल का सातवें मैच में यह दूसरा दोहरा शतक था। जायसवाल ने राजकोट टेस्ट में एक टेस्ट पारी में सबसे अधिक छक्के (12) लगाकर रिकॉर्ड बुक में भी अपना नाम दर्ज कराया। वो एक टेस्ट पारी में सबसे ज्यादा छक्के जड़ने के मामले में वसीम अकरम की बराबरी पर पहुंच गए हैं। अकरम ने जिंबाब्वे के खिलाफ दोहरा शतक जड़ा था। इस पारी के दौरान उन्होंने 12 छक्के जड़े थे। यशस्वी अपने टेस्ट करियर की शुरुआती शतकों को 150+ रन की पारियों में तब्दील करने वाले पहले भारतीय भी बन गए हैं।

बड़ी पारी खेलने की कोशिश

पांच मैचों की श्रृंखला में भारतीय टीम के 2-1 से बढ़त लेने के बाद जायसवाल ने कहा, 'टेस्ट क्रिकेट कठिन है, लेकिन मैंने सोचा कि जब मैं टीम में हूं तो मुझे अपना 100 प्रतिशत देना होगा। मैं बस कोशिश कर रहा हूं। जब भी मैं क्रीज पर थोड़ा समय बिता लेता हूं तो मैं उसे बड़ी पारी में बदलने की कोशिश करता हूं। टेस्ट क्रिकेट में आपको अपनी पारी को बड़े स्कोर में बदलना होता है।'

पीठ दर्द की वजह से बल्लेबाजी हुई थी मुश्किल

जायसवाल ने अपने दोहरे शतक का विश्लेषण करते हुए कहा कि उन्होंने सत्र दर सत्र खेलने की कोशिश की। उन्हें पारी के दौरान पीठ में ऐंठन की समस्या से भी निपटना पड़ा। उन्होंने कहा,'यह मेरे लिए काफी मुश्किल था क्योंकि शुरू में मैं रन नहीं बना पा रहा था। इसलिए सत्र दर सत्र खेलना पड़ा और परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाना पड़ा। तभी मुझे लगा कि मैं रन बना सकता हूं।'

चौथे दिन अंत तक बल्लेबाजी करने की थी कोशिश

उन्होंने कहा, 'इस बीच मेरी पीठ में दर्द शुरू हो गयी। मैं बाहर (मैदान से) नहीं जाना चाहता था लेकिन दर्द काफी बढ़ गया था इसलिए मैं बाहर चला गया। आज जब मैं आया तो मैं यह सुनिश्चित करना चाहता था कि मैं खेल को आगे ले जाऊं और अंत तक बल्लेबाजी करूं।' श्रृंखला का चौथा टेस्ट मैच 23 फरवरी से रांची में खेला जायेगा।

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