IND vs ENG: यशस्वी जायसवाल ने इस चीज को दिया अपनी सफलता का श्रेय
IND vs ENG: टीम इंडिया ने इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैच की टेस्ट सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली। विशाखापट्टनम में खेले गए दूसरे टेस्ट मुकाबले में उसने इंग्लैंड को 106 रन से पटखनी दी। टीम इंडिया ने इंग्लैंड टीम को हर मोर्चे पर पछाड़ा।
यशस्वी जायसवाल (साभार-AP)
विशाखापट्टनम टेस्ट जीतकर टीम इंडिया यदि 5 मैच की सीरीज में बरबरी कर पाई तो इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यशस्वी की बल्लेबाजी रही। इस युवा बल्लेबाज ने अपने टेस्ट करियर का पहला दोहरा शतक उस वक्त जड़ा जब बाकी सीनियर खिलाड़ी सस्ते में चलते बने। यशस्वी की 209 की पारी के दम पर ही टीम इंडिया पहली पारी में 300 से ज्यादा रन के आंकड़े को छू पाई और इंग्लैंड पर दबाव बना पाई। इस मुकाबले में जिस तरह से उन्होंने बल्लेबाजी की उसकी तारीफ हर तरफ लोग कर रहे हैं।
ऐसे में यशस्वी ने भी अपनी सफलता को लेकर प्रतिक्रिया दी और इसका श्रेय अपने डेली रूटीन को दिया। यशस्वी जायसवाल ने कहा है कि वह नियमित चीजों पर ध्यान देते हैं और रन अपने आप बनते हैं। जायसवाल दिनचर्या पर बहुत जोर देते हैं और अपना काम ऐसे तरीके से करते हैं जो उनके शरीर के अनुकूल हो जिससे वह जो भी करते हैं उसमें अच्छा स्वास्थ्य और बेहतर उत्पादकता होती है। बाएं हाथ के 22 साल के इस बल्लेबाज के दोहरे शतक की दूसरे क्रिकेट टेस्ट में भारत की 106 रन की जीत में अहम भूमिका रही जिससे मेजबान टीम ने पांच मैच की श्रृंखला 1-1 से बराबर कराई।
वेस्टइंडीज के खिलाफ दोहरे शतक से चूकने का है गम
जायसवाल पिछले साल वेस्टइंडीज के खिलाफ भी दोहरे शतक के करीब पहुंचे थे लेकिन 29 रन से चूक गए। जायसवाल ने टेस्ट मैच के बाद जियो सिनेमा से कहा, ‘‘पिछली बार जब मैंने (वेस्टइंडीज के खिलाफ) 171 रन बनाए थे तो मैं दोहरा शतक बनाना चाहता था लेकिन ऐसा नहीं हो सका। मैं हमेशा सोचता हूं कि अगर मैं अपनी दिनचर्या पर ध्यान दूं तो रन आएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे जीवन में प्रक्रिया बहुत महत्वपूर्ण है। मैं कितने बजे सोता हूं, क्या खाता हूं, कितना अच्छा अभ्यास करता हूं। मुझे लगता है कि अगर ये सब ठीक रहेगा तो प्रदर्शन भी अच्छा रहेगा।’’ इस युवा बल्लेबाज ने कहा, ‘‘जब मैं मैदान पर जाता हूं तो मुझे आत्मविश्वास महसूस होता है क्योंकि मैं जानता हूं कि मैंने कितनी कड़ी मेहनत की है और मुझे बस वहां जाकर खुद को जाहिर करने की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं हमेशा टीम के लिए खेलने की कोशिश करता हूं। पिछले मैच में उन्होंने मुझे कहा था कि मैं जितने चाहे उतने शॉट खेल सकता हूं और मैंने अलग तरह से खेला। यहां मुझे लगा कि विकेट बहुत अच्छा था और अगर मैं धैर्य रखता हूं तो बड़ी पारी खेल सकता हूं। हमने शुरुआत में विकेट खो दिए थे इसलिए मैंने सोचा कि मुझे जिम्मेदारी लेनी चाहिए और जितना हो सके उतना अधिक समय क्रीज पर टिके रहना चाहिए।’’ जायसवाल शनिवार को 22 साल और 36 दिन की उम्र में विनोद कांबली और सुनील गावस्कर के बाद टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक जड़ने वाले देश के तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी बन गए।
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