कबाड़ी का काम करने वाले की बेटी ने किया कमाल, परिवार और भारत का नाम किया रोशन

Inspirational Story, Aditi Jaiswal makes into Indian archery team: भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है और उसकी एक मिसाल अदिति जायसवाल ने पेश कर दी है। अदिति के पिता कबाड़ उठाने का काम करते थे लेकिन उनकी बेटी ने खेल जगत में एक नया मुकाम हासिल किया है।

तीरंदाजी

कोविड-19 का कहर जब अपने चरम पर था तब कबाड़ का काम करने वाले राजकुमार जायसवाल का परिवार दिन में केवल एक समय का भोजन कर पा रहा था। उनकी दुकान बंद थी और जल्द ही उनका घर भी पानी में डूब गया क्योंकि चक्रवाती तूफान अम्फान ने बंगाल में तबाही मचा दी थी। कोरोनावायरस और तूफान की यह दोहरी मार हालांकि उनकी बेटी अदिति के दृढ़ संकल्प को नहीं डिगा पाई जिन्होंने हाल में विश्व कप, विश्व चैंपियनशिप और एशियाई खेलों के लिए भारतीय तीरंदाजी टीम में जगह बनाई। इस बीच उन्हें राष्ट्रमंडल खेलों के पूर्व स्वर्ण पदक विजेता राहुल बनर्जी का साथ भी मिला जो कि अब पूर्णकालिक कोच हैं।

बागुईआटी में कबाड़ी का काम करने वाले की बेटी अदिति मेधावी छात्रा रही है और उन्होंने आईएससी परीक्षा में 97 प्रतिशत अंक हासिल किए जिससे उन्हें सेंट जेवियर कॉलेज में अर्थशास्त्र ऑनर्स में प्रवेश मिल गया। राजकुमार और उनकी पत्नी उमा चाहते थे कि अदिति भी अपने बड़े भाई आदर्श की तरह पढ़ाई पर ध्यान दें। उनके बड़े भाई वेल्लोर में इंजीनियरिंग कर रहे हैं।

तब बनर्जी ने उन्हें समझाया कि अदिति इससे भी बड़ी उपलब्धि हासिल करने के लिए पैदा हुई है। सोनीपत में तीरंदाजी ट्रायल्स में भाग लेने के बाद वापस लौटी अदिति ने पीटीआई भाषा से कहा,‘‘एक समय था जबकि लॉकडाउन के दौरान मेरे पिताजी की दुकान लगभग दो साल तक बंद रही और हम किसी तरह से एक वक्त का भोजन ही जुटा पा रहे थे।’’

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