EXPLAINED: पेरिस ओलंपिक 2024 में अमन सहरावत ही क्यों है भारत के इकलौते पुरुष पहलवान? जानें वजह

Why Aman Sehrawat only male Indian wrestler in paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए भेजे गए भारतीय दल में एक अनोखी बात देखने को मिली है। दरअसल हर बार भारत दो से तीन पुरूष पहलवान भेजता है लेकिन इस साल केवल अमन सहरावत को ही मौका दिया गया है। आइए जानते हैं वजह

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अमन सहरावत ( फोटो- X)

Why Aman Sehrawat only male Indian wrestler in paris Olympics 2024: अमन सेहरावत ने पेरिस में पुरुषों की 57 किलोग्राम फ्रीस्टाइल श्रेणी में कांस्य पदक जीतकर व्यक्तिगत ओलंपिक पदक जीतने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय बनकर इतिहास की किताबों में अपना नाम दर्ज कराया। भारत पिछले चार ओलंपिक से लगातार कुश्ती में पदक जीत रहा है और अमन सहरावत ने इस सिलसिले को 5वें सीजन में भी जारी रखने का काम किया है।
सेहरावत पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले एकमात्र भारतीय पुरुष पहलवान थे और अपने गले में पदक लेकर स्वदेश लौटेंगे। भारत ने फ्रांस में छह सदस्यीय कुश्ती दल भेजा था, जिसमें निशा दहिया, अंतिम पंघाल, विनेश फोगट, रितिका हुड्डा और अंशु मलिक के रूप में अन्य सभी महिलाएं थीं। ऐसे में सवाल ये उठता है कि बाकि पुरुष पहलवानों का आखिर क्या हुआ। आइए जानते हैं।

बजरंग पुनिया को इसीलिए नहीं मिली जगह

2021 में टोक्यो ओलंपिक में, दो पुरुष भारतीय पहलवानों ने पदक जीता था, जिसमें रवि दहिया ने पुरुषों की फ्रीस्टाइल 57 किलोग्राम श्रेणी में रजत पदक जीता था, जबकि बजरंग पुनिया ने पुरुषों की फ्रीस्टाइल 65 किलोग्राम में रेपेचेज के माध्यम से कांस्य पदक जीता था। हालांकि, ओलंपिक पोडियम पर आने के महज तीन साल बाद ही दोनों पेरिस नहीं जा पाए हैं। उनके बाहर होने का कारण मार्च में सोनीपत में हुआ राष्ट्रीय ट्रायल है।बजरंग को सेमीफाइनल में रोहित कुमार ने 9-1 के स्कोर से हराया था। बाद में, उन्हें डोपिंग उल्लंघन के लिए राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संघ (नाडा) द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था। ऐसे में वे भाग नहीं ले पाए।

रवि दहिया को अमन से मिली थी हार

दहिया और अमन एक ही वर्ग में प्रतिस्पर्धा करते हैं और ट्रायल्स में एक-दूसरे के खिलाफ खेले थे। अमन ने शुरूआत में टोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता को 14-13 के अंतर से हराया। बाद में, दहिया को उदित कुमार ने हरा दिया और प्रतियोगिता से बाहर कर दिया गया, जिससे यह निर्धारित हुआ कि एशियाई और विश्व ओलंपिक क्वालीफायर में भारत का प्रतिनिधित्व कौन करेगा।

क्या रवि दहिया के पास था मौका?

यह ध्यान देने योग्य है कि कोटा देश द्वारा जीता जाता है, एथलीट द्वारा नहीं। इसका मतलब यह था कि दहिया के लिए अभी भी मौका था क्योंकि भारत ने 53 किग्रा वर्ग में क्वालीफाई कर लिया था। हालांकि, भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने कोटा विजेताओं को भेजने का फैसला किया जिसका मतलब था कि सहरावत ने कट हासिल कर लिया।
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SIddharth Sharma author

सिद्धार्थ शर्मा, टाइम्स नाउ नवभारत ( Timesnowhindi.com) में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर अक्टूबर 2023 से जुड़ें हैं। इससे पहले वह न्यूज 24 और इन्शॉर्ट्स जैस...और देखें

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