एशियन गेम्स की डबल मेडलिस्ट एथलीट का बड़ा खुलासा, कहा- 'करना चाहती थीं आत्महत्या'

पिछले एशियाई खेलों में दो पदक जीतने वाली भारतीय महिला एथलीट हरमिलन बैंस ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रहने के बाद उनके मन में आए थे आत्महत्या के विचार।

हरमिलन बैंस (साभार Instagram The Queen)

मुख्य बातें
  • पिछले एक साल से चोटों से जूझ रही हैं हरमिलन बैंस
  • पेरिस ओलंपिक के लिए नहीं कर पाईं थी क्वालीफाई
  • 2022 एशियाई खेलों में जीते थे 800 और 1500 मीटर दौड़ में रजत पदक
नई दिल्ली: हाल में हुए पेरिस ओलंपिक में भाग नहीं ले पाना मध्यम दूरी की धाविका हरमिलन बैंस के लिए इतना निराशाजनक था कि एशियाई खेलों में दो बार पदक जीतने वाली यह एथलीट आत्महत्या करने के बारे में सोचने लगी थीं। अब उस कठिन दौर से बाहर निकलने के बाद यह 26 वर्षीय खिलाड़ी मॉडलिंग जैसे दूसरे करियर विकल्प की तलाश कर रही हैं। हरमिलन पिछले साल चीन में हुए एशियाई खेलों में भारतीय एथलेटिक्स टीम की स्टार खिलाड़ियों में से एक थीं जब उन्होंने 800 मीटर और 1500 मीटर में दो पदक जीते थे। हालांकि इस पूरे सत्र में वह चोटों से परेशान रहीं जिससे पेरिस ओलंपिक में जगह बनाने की उनकी उम्मीदें धराशायी हो गईं।

पेरिस ओलंपिक में भाग लेना चाहती थी हरमिलन

हरमिलन ने पीटीआई से कहा,'मैं पेरिस ओलंपिक में भाग लेना चाहती थी और मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। लेकिन लगातार चोटें लगीं और इससे मेरा प्रदर्शन प्रभावित हुआ। पेरिस ओलंपिक में भाग नहीं ले पाने के बाद मैं अवसाद में थी, मैं कुछ भी नहीं सोच पा रही थी। यहां तक कि आत्महत्या करने का विचार भी मेरे दिमाग में आया और मैं खेल छोड़ना चाहती थी।'

एथलेटिक्स करियर है अनिश्चित

हरमिलन को ‘क्वीन’ के नाम से जाना जाता है क्योंकि उनके सोशल मीडिया हैंडल पर भी ‘द क्वीन’ टैग है। इस समय उन्हें ‘ग्रेड 2बी’ हैमस्ट्रिंग टियर है और उन्होंने स्वीकार किया कि उनका एथलेटिक्स करियर अनिश्चित है। वह सर्जरी करवा सकती हैं और इस पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। इस साल की शुरुआत में उन्हें टखने की चोट (पेरोनियल टेंडोनाइटिस) लगी थी जिसे ठीक होने में पांच हफ्ते लगे थे। जून में उन्हें हैमस्ट्रिंग में खिंचाव हुआ जो बाद में एक टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के बाद बढ़ गया।
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