Harvinder Singh: पेरिस पैरालंपिक में भारत के हरविंदर सिंह ने गोल्ड जीतकर इतिहास रचा, वह ऐसा करने वाले पहले भारतीय आर्चर बने

भारत के पैरा आर्चर हरविंदर सिंह ने इतिहास रच दिया। वह पहले आर्चर बने हैं जिन्होंने भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता है। फाइनल में उन्होंने पोलैंड के लुकाज सिसजेक को हराया था।

हरविंदर सिंह ने रचा इतिहास (साभार-जियोसिनेमा)

भारत के पैरा आर्चर हरविंदर सिंह ने पेरिस पैरालंपिक में इतिहास रच दिया। उन्होंने भारत को चौथा गोल्ड मेडल दिला दिया। बात ओलंपिक की हो या फिर पैरालंपिक की वह आर्चरी में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय आर्चर बने हैं। भारतीय तीरंदाज हरविंदर पुरुषों की व्यक्तिगत रिकर्व ओपन के फाइनल में पोलैंड के लुकाज सिसजेक को हराकर यह कारनामा किया। इससे पहले सेमीफाइनल में उन्होंने ईरान के मोहम्मद रेजा अरब अमेरी को 7-3 से हराकर फाइनल में जगह बनाई थी।

लगातार दूसरी बार जीता मेडल

हरविंदर सिंह का यह पैरालंपिक में लगातार दूसरा मेडल है। टोक्यो ओलंपिक में उन्हें ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा था, लेकिन आज उन्होंने अपने मेडल का रंग सुनहरा कर भारत के 150 करोड़ देशवासियों का सीना फख्र से चौड़ा कर दिया। आज तक भारत को कोई भी आर्चर ओलंपिक या पैरालंपिक में गोल्ड मेडल नहीं जीत पाया था।

भारत के मेडलों की संख्या 22 पहुंची

इस मेडल के साथ ही भारत के मेडलों की कुल संख्या 22 पहुंच गई है। 22 में से भारत ने 4 गोल्ड, 7 सिल्वर और 11 ब्रॉन्ज मेडल जीता है। यह पैरालंपिक में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

हरियाणा के हैं हरविंदर सिंह

हरविंदर सिंह हरियाणा के रहने वाले हैं। वह जब डेड़ साल के थे तो उन्हें डेंगू हो गया था और इसके उपचार के लिए उन्हें इंजेक्शन लगाये गये। दुर्भाग्य से इन इंजेक्शन के कुप्रभावों से उनके पैरों की गतिशीलता चली गई। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और पैरालंपिक में गोल्ड तक का सफर तय किया।

2018 में मिली पहली पहचान

2017 पैरा तीरंदाजी विश्व चैम्पियनशिप में पदार्पण करने वाले हरविंदर सातवें स्थान पर रहे। उन्हें असली पहचाव साल 2018 जकार्ता एशियाई पैरा खेलों में मिली जहां उन्होंने गोल्ड मेडल जीता। हविंदर ने तीन साल पहले टोक्यो पैरालंपिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया था क्योंकि यह भारत का पहला तीरंदाजी पदक था।
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