Hockey World Cup 2023: कभी यह शहर नक्सलियों का था गढ़, आज है भारत की हॉकी कैपिटल

Hockey World Cup 2023: एक समय सुंदरगढ़ जिला नक्सलवाद से प्रभावित था। लेकिन आज तस्वीर बदल चुकी है और जिले की पहचान हॉकी से जुड़ गई है। जिले से भारत को 5 हॉकी कप्तान और 60 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मिले हैं। और करीब 12 हजार राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी यहां के ट्रेनिंग सेंटर से तैयार हुए हैं।

विश्व कप में भारत से बड़ी उम्मीदें

Hockey World Cup 2023: क्या भारत 47 साल के पदक के सूखे को इस बार खत्म कर पाएगा। भारत में हो रहे हॉकी विश्व कप को लेकर यही सबसे बड़ा सवाल है। आखिरी बार भारत ने हॉकी विश्व कप में साल 1975 में पदक जीता था। उस साल भारत ने गोल्ड मेडल जीता था। विश्व रैकिंग में छठे स्थान पर काबिज भारतीय हॉकी टीम से इस बार इसलिए बड़ी उम्मीदें हैं क्योंकि भारत ने 41 साल बाद टोक्यो ओलंपिक में पदक का सूखा खत्म किया था। टोक्यो ओलंपिक में भारत ने कांस्य पदक जीता था। भारत में हॉकी के फिर से रिवाइवल में उड़ीसा का बेहद खास कनेक्शन है। क्योंकि उड़ीसा सरकार और वहां मौजूद इंफ्रास्ट्रक्चर ने हॉकी को फिर से रिवाइव करने में अहम भूमिका निभाई है। और उसी का परिणाम है कि उड़ीसा के सुंदरगढ़ जिलों को हॉकी की कैपिटल या नर्सरी तक कहा जाता है। जहां से एक से बढ़कर एक खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निकले हैं।

एक समय सुंदरगढ़ जिला नक्सलवाद से प्रभावित था। लेकिन आज तस्वीर बदल चुकी है और जिले की पहचान हॉकी से जुड़ गई है। जिले से भारत को 5 हॉकी कप्तान और 60 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मिले हैं। और करीब 12 हजार राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी यहां के ट्रेनिंग सेंटर से तैयार हुए हैं। इस इलाके में रहने वाली ओराम, खरिया, मुंडा और भूनिया समुदाय खेलों से जुड़ी हुई है। सुंदरगढ़ से दिलीप टर्की, इग्नेश टिर्की, प्रबोध टिर्की पुरूष हॉकी टीम के कप्तान रहे हैं। वहीं सुभद्रा प्रधान, ज्योति सुनिता कुलू महिला हॉकी टीम की कप्तान रही हैं।

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