IEC 2024: भारत का सबसे लोकप्रिय खेल बनेगा पिकलबॉल, जमीनी स्तर पर सुविधाएं विकसित करने की है दरकार

India Economic Conclave 2024: टाइम्स ग्रुप द्वारा आयोजित इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव के दसवें संस्करण में भारत में पिकलबॉल की बढ़ती लोकप्रियता और पिकलबॉल की दुनिया में भारत के बढ़ते कद पर चर्चा हुई। इस दौरान भारत में इस खेल के भविष्य को लेकर इस खेल से जुड़ी हस्तियों ने अपनी राय रखी।

India Economic Conclave 2024 Pickleball Discussion

इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2024 में भारत में पिकलबॉल विषय पर चर्चा करते हुए एक्सपर्ट्स

India Economic Conclave 2024: टाइम्स ग्रुप द्वारा आयोजित इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव के दसवें संस्करण में भारत में इंडिया-पिकलबॉल जायंट इन द मेकिंग विषय पर हुई चर्चा में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर जॉन्टी रोड्स, पिकलबॉल वर्ल्ड रैंकिंग(PWR) के सीईओ और पिकलबॉल लीग एशिया प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर प्रणव कोहली, इंडियन पिकलबॉल एसोसिएशन के अध्यक्ष सूर्यवीर भुल्लर, ग्लोबल पिकलबॉल फेडरेशन के एशियन रिप्रेजेंटेटिव मनीष राव, हैदराबाद रॉयल एसेस टीम के मालिक वैभव सिंह, पिकलबॉल इंडिया लीग टीम गुजरात स्मैशर्स के मालिक मौलिक शाह और टेनिस खिलाड़ी गौरव ने शिरकत की। इन सभी ने भारत में पिकलबॉल की बढ़ती लोकप्रियता और खेल के भारत में भविष्य को लेकर अपने विचार रखे। PWR के डायरेक्टर आदित्य खन्ना ने मॉडरेटर की भूमिका अदा की। एक सुर में सभी का मानना था कि भारत में यह खेल तेजी से लोकप्रिय होगा जरूरत जमीनी स्तर पर इन्फ्रास्टक्चर के निर्माण पर काम करने की जरूरत है। इसके बाद पिकलबॉल भारत में दिन दुगनी और रात चौगुनी तरक्की करके इस खेल का वैश्विक ताकत भी बनेगा। अगर ओलंपिक में पिकलबॉल को जगह मिली तो भारत गोल्ड मेडल का सबसे बड़ा दावेदार होगा।

भारत का सबसे लोकप्रिय खेल बनेगा पिकलबॉल, बच्चों के लिए बना रहे हैं राह

पिकलबॉल लीग एशिया प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर और सीईओ प्रणव कोहली ने कहा, मुझे भरोसा है कि पिकलबॉल भविष्य में भारत में सबसे ज्यादा खेला जाने वाले खेल बनेगा। खेलों ने अपनी समावेशी प्रवृति से यह प्रूव किया है कि वो लिंग, शारीरिक बनावट, उम्र किसी भी तरह का भेद नहीं करते। सभी एक साथ एक मैदान पर खेल सकते हैं। यही चीज हम पीडब्लूआर लीग और सीरीज में लाना चाहते हैं। हम 5 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए रास्ता तैयार करना चाहते हैं जिससे कि वो आगे बढ़ सकें और इसमें करियर बना सकें। हमारे साथ टाइम्स ग्रुप जुड़ा है और उन्होंने इस खेल को जो एक्सपोजर दिया है वो बहुत बड़ा है। पिछले छह महीने में इस खेल का स्वरूप बढ़ा है। ऐसा प्रमोशन और सभी के सहयोग की वजह से हो सका। मेरा मानना है कि भविष्य में यह और तरक्की करेगा और भारत में सर्वाधिक खेला जाने वाला स्पोर्ट्स बनेगा।

होना चाहिए इन्फ्रास्टक्चर पर काम

गोवा में इन दिनों रह रहे पूर्व दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेटर जॉन्टी रोड्स ने पिकलबॉल के भारत में हो रहे विस्तार के बारे में चर्चा करते हुए कहा, एक क्रिकेटर के रूप में मैं भारत का दौरा 1993 से कर रहा हूं। उसके बाद साल 2009 से आईपीएल में बतौर कोच जुड़ने के बाद से भारत आ रहा हूं। यह दो तरह के क्रिकेट की कहानी है। पिकलबॉल जैसा खेल मुझे इसलिए उत्साहित करता है, शुरुआत में थोड़ा-बहुत विरोध हो सकता है, लेकिन यहां के लोगों की संख्या एक बड़ा एडवांटेज है। जैसे-जैसे लोग इसे अपनाएंगे यह खेल आइसोलेटेड इनवायरमेंट से बाहर निकलकर बहुत जल्दी अखिल भारतीय रूप ले लेगा।

जमीनी स्तर पर विकसित करनी होगी सुविधाएं

पिकलबॉल के विकास के लिए आपको व्यापक और जमीनी स्तर की सुविधाएं विकसित करनी होगी। इसका सेटअप आप कहीं भी लगा सकते हैं। मैं परिवार वाला व्यक्ति हूं और हम अधिकांश समय बाहर गुजारना पसंद करते हैं। ऐसे में हमने गोवा के एक छोटे से गांव में रहना पसंद किया। जिससे मेरे बच्चे परिस्थितियों को अपना सकें और मोबाइल वाले लाइफस्टाइल से बाहर निकलें।

लोगों को देना होगा जिमिंग और स्वीमिंग का विकल्प

रोड्स ने आगे कहा, मैंने भारत में लोगों को मौका मिलने पर बढ़ते देखा है, जिसमें क्रिकेट भी शामिल है। आईपीएल की सफलता के बाद भारतीय टीम वनडे, टी20 और टेस्ट तीनों में नंबर वन रही है। आईपीएल ने खेल का विकास इस तरह किया है कि हम उस मुकाम पर पहुंच सके। मैं क्रिकेट के साथ तुलना किए बगैर यह कह रहा हूं कि अगर आपके पास दर्शक हैं तो पिकलबॉल तेजी से भारत में तरक्की कर सकता है। अगर आप जिम और स्वीमिंग पूल के विकल्प के रूप में पिकलबॉल को रखते हैं तो लोग इसे निश्चित तौर पर अपनाएंगे।

25 राज्यों तक हो चुका है पिकलबॉल का विस्तार

इंडियन पिकलबॉल एसोसिएशन के अध्यक्ष सूर्यवीर भुल्लर ने भारत में इसके बढ़ते दायरे के बारे में चर्चा करते हुए कहा, इंडियन पिकलबॉल एसोसिएशन ने पिछले दो साल में इसे कई राज्यों में ले जाने की कोशिश की है। वर्तमान में 25 राज्यों में खेला जा रहा है। इन सभी राज्यों में कई जिले हैं, जहां पिकलबॉल खेला जाता है। पिछले कुछ सालों में कुछ राज्य पिकलबॉल में बड़ी मजबूती से उभरे हैं जिसमें गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु शामिल हैं। पहले यह महानगरों तक सीमित था लेकिन अब हम इसे NIPA के जरिए ग्रामीण इलाकों में लेकर जा रहे हैं। हमने अहमदाबाद में सेंटर ऑफ एक्सिलेंस की स्थापना की है। जहां कोच और रेफरी के लिए सर्टिफिकेट प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं साथ ही खिलाड़ियों के कोचिंग की व्यवस्था है। मेरा मानना है कि यह खेल तेजी से आगे बढ़ेगा क्योंकि इसका सेटअप बनाना आसान है और कम कीमत वाला है। एंट्री लेवल किसी अन्य खेल की तुलना में आसान है। हमें आशा है कि अगले 2 साल में 5 लाख से अधिक खिलाड़ी जुड़ेंगे।

ओलंपिक में भारत जीतेगा पिकलबॉल का गोल्ड मेडल

इंडियन पिकलबॉल एसोसिएशन के अध्यक्ष सूर्यवीर भुल्लर मैं ओलंपिक खेलों में भारत को पिकलबॉल में गोल्ड मेडल जीतता देख रहा हूं। एशिया में टॉप प्लेयर सभी एज ग्रुप(अंडर-12, अंडर-14, अंडर-16, अंडर-18)में सभी भारत के हैं। वो एशिया में नंबर वन हैं। यूएसओपन में गोल्ड मेडलिस्ट भारत के हैं। अरमान भाटिया भारत के नंबर वन खिलाड़ी हैं वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा कर रहे हैं। अगर ये खेल ओलंपिक में आएगा तो भारत निश्चित तौर पर गोल्ड मेडल के साथ वापस आएगा।

गुजरात में तेजी से बढ़ रहा है पिकलबॉल

पिकलबॉल इंडिया लीग टीम गुजरात स्मैशर्स के मालिक मौलिक शाह ने कहा, पिकलबॉल के लिहाज से गुजरात सबसे तेजी से बढ़ता राज्य है। गुजरात में पिकलबॉल के 800 से ज्यादा कोर्ट हैं। सभी एज ग्रुप के लोग इसमें भाग ले रहे हैं। दूसरा इसके आर्थिक पहलू भी हैं। इसके कोर्ट को बनाने में ज्यादा निवेश नहीं है। बहुत जमीन उपलब्ध है और उद्योगपति उसमें निवेश कर रहे हैं। मैं पिकलबॉल की जल्द शुरू होने जा रही लीग का हिस्सा हूं। एक निवेशक के रूप में आर्थिक पहलू भी हैं। जीवन में किसी खेल की विकास यात्रा (उभरते खेल से स्थापित खेल बनने) के मौके कम मिलते हैं। ऐसे में ये यात्रा बेहद रोचक होने वाली है।

टेनिस कोर्ट पिकलबॉल के कोर्ट में हो रहे हैं तब्दील

मौलिक शाह ने आगे कहा, अमेरिका में बहुत सारे टेनिस कोर्ट पिकलबॉल कोर्ट में तब्दील हो रहे हैं। भारत में फिलहाल ऐसी शुरुआत नहीं हुई है। मुझे लगता है कि भारत में बहुत जल्दी ऐसा होने लगेगा। मैं कई ऐसे मालिकों को जानता हूं जिनके टेनिस कोर्ट हैं लेकिन रेवेन्यू नहीं आ रहा है। ऐसे में वो ये तुलना कर रहे हैं कि पिकलबॉल कोर्ट के मालिकों को कितना मुनाफा हो रहा है। ये प्रक्रिया अभी यहां शुरू नहीं हुई है। वहीं पिकलबॉल से होने वाले हेल्थ बेनीफिट्स की चर्चा करते हुए गैबिट के फाउंडर गौरव गुप्ता ने कहा, पिकलबॉल लोगों के स्वस्थ रहने में मददगार है। मैं खुद एक टेनिस खिलाड़ी हूं लेकिन 15 मिनट सिंगल्स पिकलबॉल खेलने से थक गया तो मुझे आश्चर्य हुआ।

भारत में पिकलबॉल के विस्तार से खुश है ग्लोब्ल फेडरेशन

ग्लोबल पिकलबॉल फेडरेशन के एशियन रिप्रेजेंटेटिव मनीष राव में कहा, यह खेल दुनिया में 50 साल से और भारत में 10 साल से है। अमेरिका के बाद भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा पिकलबॉल खिलाड़ी हैं। यह भारत में पिकलबॉल की ग्रोथ का सबसे अहम पहलू है। भारत में पिकलबॉल के इन्फ्रास्ट्रक्चर और खिलाड़ियों की संख्या के विस्तार से ग्लोबल पिकलबॉल फेडरेशन बेहद खुश है। ये पिकलबॉल के विस्तार के संदर्भ में बेहद सुखद है। इसका श्रेय PUWR और पिकलबॉल यूनाइटेड को जाता है। हम जमीनी स्तर पर पिकलबॉल के विकास और विस्तार के लिए काम कर रहे हैं। ग्लोबल पिकलबॉल फेडरेशन पिकलबॉल को ओलंपिक खेलों में शामिल कराने के लिए अपनी ओर से पुरजोर कोशिश कर रहा है। भारत उसमें सबसे बड़ा साझेदार है। जो भी देश पिकलबॉल में उभरकर सामने आ रहा है भारतीय कंपनी पिकलबॉल यूनाइटेड उनका इक्युपमेंट और खेल के विकास के लिहाज से पूरा सहयोग कर रही है। ये सबसे बड़ी चीज है जो हो रही है। ये भारत में पिकलबॉल के विकास के लिहाज से संकेत अच्छे हैं।

बहुत बड़ा होने जा रहा है पिकलबॉल

हैदराबाद रॉयल एसेस टीम के मालिक वैभव सिंह ने कहा, हम लोगों की बेहतरी के लिए काम करते हैं। पिकलबॉल एक फ्रेश गेम है जो दुनियाभर में बेहद तेजी से बढ़ रहा है। हैदराबाद के आस-पास हम जो भी वर्क स्पेस या कम्युनिटी क्रिएट कर रहे हैं। वहां हम पिकलबॉल कोर्ट की उपलब्धता सुनिश्चित कर रहे हैं। ये ऐसा खेल है जिसे कोई भी खेल सकता है। इसमें प्रवेश के लिए कोई बैरियर नहीं है। ये हमारी सोच के साथ मेल खाता है। हमें लगता है कि पिकलबॉल बहुत बड़ा होने जा रहा है। हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को इससे जोड़ना चाहते हैं।

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नवीन चौहान author

नवीन चौहान टाइम्स नाउ हिंदी (Timesnowhindi.com) की स्पोर्ट्स टीम के सदस्य हैं। वो मूल रूप से मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर के रहने वाले हैं। इनके पास ...और देखें

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