भारत शतरंज के स्वर्णिम युग में, बोले- एआईसीएफ अध्यक्ष

हाल ही में प्रज्ञानानंद के शानदार प्रदर्शन से गदगद भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) के अध्यक्ष संजय कपूर ने कहा कि भारतीय शतरंज ‘स्वर्ण युग’ में प्रवेश कर चुका है। वो दिन दूर नहीं जब देश में एक नहीं कई ग्रैंडमास्टर होंगे। फिलहाल हमारे पास अभी 83 जीएम हैं और जल्द 100 भी हो जाएंगे।

प्रज्ञानानंद और कार्लसन (साभार-AICF)

अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) के अध्यक्ष संजय कपूर ने कहा कि भारतीय शतरंज ‘स्वर्ण युग’ में प्रवेश कर चुका है और देश में दो साल के अंदर 100 से भी अधिक ग्रैंडमास्टर (जीएम) होंगे। भारतीय शतरंज की बात की जाये तो इसमें वर्षों तक पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद का दबदबा रहा है। लेकिन पिछले दशक में इसमें बदलाव आया है क्योंकि आर प्रज्ञानानंदा, डी गुकेश और अर्जुन एरिगेसी जैसे युवा खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मंच पर काफी तेजी से प्रगति कर रहे हैं।

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कपूर ने पीटीआई से कहा, ‘‘पहले एक ही खिलाड़ी विशी (आनंद) था लेकिन मेरा मानना है कि अब भारत में शतरंज का स्वर्ण युग शुरु हो गया है। ’’

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उन्होंने कहा, ‘आनंद खेल के दिग्गज खिलाड़ी हैं। वह भारतीय शतरंज का चेहरा हैं। लेकिन अब हमारे पास कई चेहरे होंगे जो भारतीय शतरंज के लिए बहुत अच्छा होगा। ’ भारत को अपना 83वां ग्रैंडमास्टर इस साल जुलाई में आदित्य सामंत के रूप में मिला और कपूर का कहना है कि कि देश को जल्द ही अपना 100वां ग्रैंडमास्टर मिलेगा।

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