Paris Olympics 2024: 12 साल बाद पेरिस ओलंपिक में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों का टूट गया यह सिलसिला, जानिए क्या है पूरा मामला

Paris Olympics 2024, Badminton: भारतीय बैडमिंटन स्टार लक्ष्य सेन का पेरिस ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन देखने को मिला। वे ओलंपिक 2024 के सेमीफाइनल तक पहुंचे थे, लेकिन हार का सामना करना पड़ा और ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में उतरे। हालांकि, इस मुकाबले में भी लक्ष्य का हास झेलनी पड़ी। इसके साथ ही कोई भी बैडमिंटन खिलाड़ी मेडल नहीं जीत पाए। लंबे समय बाद ओलंपिक में मेडल जीतने का सिलसिला रूक गया।

लक्ष्य सेन। (फोटो- Lakshya Sen X)

Paris Olympics 2024, Badminton: भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों का लंदन ओलंपिक (2012) से शुरू हुआ पदक जीतने का सिलसिला 12 साल के बाद पेरिस ओलंपिक में थम गया, जो इस खेल के प्रशंसकों के लिए किसी निराशा की तरह था। लक्ष्य सेन ने पुरुष एकल के सेमीफाइनल में पहुंच कर पदक की उम्मीद जगाई थी लेकिन सेमीफाइनल और कांस्य पदक के मुकाबले में अच्छी स्थिति में होने के बावजूद उनकी हार चिंताजनक रही। रियो (2016) और टोक्यो (2021) में पदक जीतने वाली पीवी सिंधू से पेरिस में हैट्रिक की उम्मीद थी तो वहीं सात्विकसाइराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की पुरुष युगल जोड़ी को पदक का सबसे बड़ा दावेदार माना गया था। इन खिलाड़ियों के साथ पुरुष एकल में एच एस प्रणय और महिला युगल में अश्विनी पोनप्पा और तनीषा क्रास्टो की जोड़ी भी दबाव में बिखर गयी।

ओलंपिक के पेरिस चक्र के दौरान सरकार की तरफ से बैडमिंटन को भी काफी समर्थन मिला, जिसमें 13 राष्ट्रीय शिविर और 81 विदेशी अनुकूलन दौरे शामिल थे। इनका खर्च टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) के तहत किया गया। भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के मिशन ओलंपिक सेल ने बैडमिंटन के लिए 72.03 करोड़ रुपये आवंटित किए, जो भारत की ओलंपिक तैयारियों के लिए 16 खेल में खर्च किए गए लगभग 470 करोड़ रुपये में से दूसरी सबसे बड़ी राशि है। इस बड़े निवेश के बावजूद, पेरिस में नतीजे उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहे, जिससे ओलंपिक प्रतियोगिता में कड़े मुकाबले और मजबूत मानसिकता की अहमियत और बढ़ जाती है।

मानसिकता की यह अहमियत लक्ष्य सेन के मैचों में देखी गयी। सेमीफाइनल में विक्टर एक्सेलसेन और फिर कांस्य पदक के मैच में चीनी ताइपे के ली जी जिया के खिलाफ मजबूत स्थिति को वह भुनाने में नाकाम रहे।इस दौरान सिंधू को 3.13 करोड़ रुपये की मदद मिली लेकिन वह प्री-क्वार्टर फाइनल से आगे बढ़ने में नाकाम रही। लक्ष्य के लगातार दो मैचों में हार से उनके कोच और ऑल इंग्लैंड के पूर्व चैम्पियन प्रकाश पादुकोण काफी खफा दिखे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं थोड़ा निराश हूं क्योंकि वह इसे पूरा नहीं कर सका। मुझे निराशा है कि हम बैडमिंटन में एक भी पदक नहीं जीत सके। सरकार, साइ और टॉप्स ने अपना काम किया है। अब समय आ गया है कि खिलाड़ी भी कुछ जिम्मेदारी उठायें।’

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