Paris Paralympics 2024: वेलेंटीना पेट्रिलो बनेंगी पैरालिंपिक में भाग लेने वाली पहली महिला ट्रांसजेंडर

इटली की धावक वेलेंटीना पेट्रिलो पैरालिंपिक में भाग लेने वाली पहली महिला ट्रांसजेंडर बनेंगी उनका ओलंपिक खेलों में भाग लेने का सपना 50 साल की उम्र में पूरा होने जा रहा है।

Valentina Petrillo

वेलेंटीना पेट्रिलो

तस्वीर साभार : भाषा

बोलोगना (इटली): वेलेंटीना पेट्रिलो को सात साल की उम्र में एथलेटिक्स से लगाव हो गया जब उन्होंने 1980 के मॉस्को ओलंपिक में इटली के धावक पिएत्रो मेनिया को 200 मीटर में स्वर्ण पदक जीतते देखा था। एक लड़के के रूप में पली बढ़ी ट्रांसजेंडर महिला पेट्रिलो ने कहा,'मैं उसके जैसा बनना चाहती थी, मैं नीली (इटली की जर्सी का रंग) शर्ट पहनना चाहती थी, मैं ओलंपिक में जाना चाहती थी। मेरी राह में कई लेकिन, किंतु और परंतु थे। मैं इसे एक महिला के रूप में करना चाहती थी क्योंकि मैं एक पुरुष की तरह महसूस नहीं करती थी।'

50 साल की उम्र में हुआ सपना साकार

पेट्रिलो चार दशक के बाद 50 साल की उम्र में अपने सपने को साकार करने वाली हैं। वह हालांकि ओलंपिक की जगह पैरालंपिक खेलों में भाग लेंगी। वह दृष्टिबाधित एथलीटों के लिए टी12 वर्ग में 200 और 400 मीटर दौड़ में भाग लेकर पैरालंपिक में प्रतिस्पर्धा करने वाली पहली ट्रांसजेंडर महिला बनने के लिए तैयार हैं।

पिछले साल विश्व एथलेटिक्स ने लगा दिया था ट्रांसजेंडर्स पर प्रतिबंध

विश्व एथलेटिक्स ने पिछले साल ट्रांसजेंडर महिलाओं को युवावस्था के बाद अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में महिला वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने से प्रतिबंधित कर दिया था। लेकिन उसके पैरा समकक्ष, विश्व पैरा एथलेटिक्स ने इसका पालन नहीं किया है। पेट्रिलो आंख की रोशनी खोने की चुनौतियों का सामना करने के बावजूद खुद को भाग्यशाली मानती हैं।

आंशिक रूप से दृष्टिहीन हैं पेट्रिलो

पेट्रिलो ने एसोसिएटेड प्रेस से कहा,'हां, मेरी दृष्टि में समस्या है, मुझे आंशिक रूप से दिखाई देता है, मैं ट्रांसजेंडर हूं। यह भी सही है कि इटली में ट्रांसजेंडर होना अच्छा नहीं है लेकिन मैं एक खुश इंसान हूं। मेरे सपने को सच होने में 50 साल लग गये। हम सभी को जिंदगी में दूसरा मौका मिलता है।’’

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