EXCLUSIVE: भगवत गीता से मिला मनु भाकर को सफलता का मंत्र, कांस्य जीतने के बाद कहा- अभी पूरा नहीं हुआ है सपना

भारत की स्टार महिला निशानेबाज मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने के बाद बताया क्या है उनका सपना और भागवत गीता ने कैसे दिखाई सफलता की राह?

मनु भाकर पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद

मुख्य बातें
  • मनु भाकर को भगवत गीता ने दिखाई सफलता की राह
  • बनीं ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज
  • ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने का नहीं पूरा हुआ है अभी सपना

पेरिस: 22 वर्षीय मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की निशानेबाजी में 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। मनु की कांस्य पदक जीत के साथ ही ओलंपिक में निशानेबाजी में चला आ रहा 12 साल का सूखा खत्म किया और निशानेबाजी में ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बन गईं। मनु के पदक के साथ ही भारत ने पेरिस ओलंपिक में भारत का अंक तालिका में खाता भी खुल गया। लगातार तीसरी बार ओलंपिक में भारत के लिए पदक का खाता महिला खिलाड़ी ने ही खोला है। ऐसे में भारतीय दल साल 2021 में टोक्यो में किए अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को पीछे छोड़कर पहली बार ओलंपिक में पदकों की संख्या दो अंकों तक पहुंचाने की पुरजोर कोशिश करेंगे।

मनु भाकर टोक्यो ओलंपिक के क्वालीफिकेशन राउंड में पिस्टल में खराबी की वजह से फाइनल के लिए क्वालीफाई करने से चूक गईं थीं। ऐसे में तीन साल बाद उस निराशा से उबतरे हुए कांस्य पदक जीत लिया है। हालांकि मनु ने ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने का सपना देखा है जो अभी तक पूरा नहीं हुआ है। कांस्य पदक जीत के बाद मनु भाकर ने पेरिस में टाइम्स नाउ संवाददाता करिश्मा से एक्सक्लूजिव बातचीत करके अपनी सफलता का राज और सपने का खुसाला किया।

ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतना है सपना

मनु भाकर ने कहा, ये मेरे जीवन के बेहतरीन लम्हों में से एक है। सालों से मेरा सपना रहा है कि मैं ओलंपिक में जाऊं और देश के एक मेडल जरूर जीतूं। हालांकि वो सपना गोल्ड मेडल जीतने का रहा है। वो सपना अभी भी बरकरार है। लेकिन मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि कांस्य पदक हम सबके लिए जीत सकी और ये अब घर आ रहा है।

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