Manu Bhaker: शादी के सवाल पर मनु भाकर ने दिया ये जवाब, झज्जर पहुंचने पर हुआ जोरदार स्वागत

Olympic Medalist Manu Bhaker: भारतीय युवा शूटर मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में दो ब्रॉन्ज मेडल पर निशाला लगाया था। मेडल जीतने के बाद 22 साल की मनु रविवार को अपने होमटाउन झज्जर पहुंचीं। वहां उनका जोरदार स्वागत हुआ। इस बीच, पत्रकारों के शादी के सवालों पर मनु भाकर ने शर्माते हुए कहा कि अभी मेरा फोकस सिर्फ खेल पर है। भविष्य में इसके बारे में सोचेंगे।

सूर्यकुमार यादव के साथ मनु भाकर। (फोटो- Manu Bhaker X)

Olympic Medalist Manu Bhaker: मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक 2024 में दो ब्रॉन्ज मेडल जीते थे। इसके बाद से वो लगातार सुर्खियों में हैं, और स्वदेश लौटने के बाद हर कोई उनकी तारीफ में कसीदे पढ़ रहा है। साथ ही वो कई इवेंट में हिस्सा ले रही हैं, जहां उनका जोरदार स्वागत किया जा रहा है। इस बीच उनके गृहनगर झज्जर से भी कुछ ऐसी ही तस्वीरें सामने आई हैं। 22 वर्षीय मनु भाकर रविवार को अपने होमटाउन झज्जर पहुंचीं। इस दौरान जिला आयुक्त ने उनकी उपलब्धियों के लिए उन्हें सम्मानित किया। मनु ने गौशाला में कामधेनु गाय की परिवार सहित पूजा अर्चना की। साथ ही उन्हें सहयोग करने वाले सभी लोगों का धन्यवाद किया और कहा कि वो अगली बार गोल्ड जीतने के लिए और कड़ी मेहनत करेंगी।
मनु ने कहा, "पेरिस ओलंपिक में दो मेडल जीतकर बहुत अच्छा लगा। उम्मीद तीसरे की भी थी लेकिन थोड़ी कसक रह गई। मैं आगे भी पूरी कोशिश करूंगी और गोल्ड भी टारगेट में रहे। शुरुआती दिनों में काफी मुश्किलें हुईं लेकिन परिवार और मेरी टीम ने हमेशा पूरा सपोर्ट किया। मैं सभी का धन्यवाद देना चाहूंगी। सरकार भी खिलाड़ियों की मदद करने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही है।" पत्रकारों के शादी के सवालों पर मनु भाकर ने शर्माते हुए कहा, "अभी मेरा फोकस सिर्फ खेल पर है। भविष्य में इसके बारे में सोचेंगे। फिलहाल तीन महीने का खेल से ब्रेक है।"
झज्जर जिला आयुक्त कैप्टन शक्ति सिंह भी इस मौके पर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि हमारे देश की बेटी ने विदेश में हमारा मान बढ़ाया है। जिले झज्जर के लिए यह विशेष मौका है क्योंकि देश के पेरिस में कुल छह मेडल में तीन मेडल यहां के खिलाड़ियों ने जीते। अमन सहरावत ने भी मेडल जीतकर हमारा मान बढ़ाया है। पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर ओलंपिक में निशानेबाजी में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। इसके अलावा, वह स्वतंत्रता के बाद खेलों के एक ही संस्करण में कई पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बनीं।
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