प्रकाश पादुकोण ने लगाई खिलाड़ियों की क्लास, कहा- इससे ज्यादा और कोई कुछ नहीं कर सकता
ओलंपिक में बैडमिंटन टीम के मेंटॉर प्रकाश पादुकोण लक्ष्य सेन की हार से खासे निराश नजर आए। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि खिलाड़ियों को ज्यादा मेहनत करनी चाहिए और आगे बढ़कर जिम्मेदारी लेनी चाहिए।



लक्ष्य सेन (साभार-AP)
भारत के लक्ष्य सेन पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक मैच में मलेशिया के विश्व नंबर ली ज़ी जिया के खिलाफ हार गए। 71 मिनट तक चले इस कड़े मुकाबले में लक्ष्य 21-13, 16-21, 11-21 से हार गए। इसके साथ ही पेरिस ओलंपिक में भारत का बैडमिंटन अभियान बिना किसी मेडल के समाप्त हो गया।
भारत के बैडमिंटन कोच प्रकाश पादुकोण ने ओलंपिक में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों के निराशाजनक अभियान पर बात की। उन्होंने लक्ष्य सेन के ताजा मुकाबले पर बात करते हुए कहा, लक्ष्य सेन अच्छा खेले हैं। लेकिन उनकी हार से निराशा है। रविवार को भी वह फिनिश नहीं कर पाए थे। कांस्य पदक मैच में भी उन्होंने पहला गेम जीता और दूसरे गेम में 8-3 से आगे रहे।
उन्होंने आगे बताया, लक्ष्य को हवा के साथ खेलने में हमेशा दिक्कत रही थी। बैडमिंटन में आमतौर पर भारतीय खिलाड़ी हवा के खिलाफ खेलने में ज्यादा सहज रहते हैं। दूसरे गेम में 8-3 से आगे होने के बाद अगर लक्ष्य दो-तीन पॉइंट और ले लेते, तो इससे खेल बदल जाता। लक्ष्य के दिमाग में कहीं न कहीं हवा के साथ खेलने की बात हावी थी, जिसने विपक्षी खिलाड़ी को आत्मविश्वास दिया। हमें हवा के साथ खेलने के प्रति भारतीय खिलाड़ियों की असहजता पर काम करना होगा।
प्रकाश पादुकोण ने ओलंपिक में खिलाड़ियों के माइंडसेट को विकसित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अब वह समय आ गया है जब ओलंपिक की तैयारी कर रहे खिलाड़ियों के लिए खेल मनोविज्ञानी की नियुक्ति की जाए।
उन्होंने कहा, बैडमिंटन में एक भी मेडल नहीं आने से निराश हूं। हम बैडमिंटन में तीन पदक के दावेदार थे, एक भी मेडल आता तो खुशी होती। ओलंपिक में खिलाड़ियों के लिए सरकार, साई, खेल मंत्रालय, आदि ने अपनी ओर से सब कुछ किया है। जो भी खिलाड़ियों की ओर से मांग और सपोर्ट की दरकार थी, वह पूरी की गई। अब खिलाड़ियों को भी जिम्मेदारी लेनी होगी।
उन्होंने कहा, हमें माइंड ट्रेनिंग पर ध्यान देना होगा। सिर्फ बैडमिंटन ही नहीं, बल्कि अन्य खेलों में भी माइंड ट्रेनिंग जरूरी है। ओलंपिक में खिलाड़ियों के ऊपर काफी दबाव होता है। भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी ओलंपिक में तकनीक, फिटनेस बाकी सब चीजों में सही थे, लेकिन वह दबाव नहीं झेल सके। इसके लिए योग, ध्यान जैसी चीजें लानी होंगी। यही वजह है कि मनु भाकर इस बार पदक के लिए फेवरेट न होने के बावजूद जीत गईं।
हमने पिछले ओलंपिक में भी यही देखा है, जो मेडल के लिए फेवरेट नहीं होता, वह पदक जीत लेता है। क्योंकि उसके ऊपर मानसिक दबाव नहीं होता। इस वक्त हमारे पास विदेशी कोच, ट्रेनर और फिजियो सब मौजूद हैं, लेकिन अब एक विदेशी खेल मनोविज्ञानी भी होना चाहिए। हमें अगले ओलंपिक को ध्यान में रखते हुए इसके लिए अभी से तैयारी करनी होगी। माइंड ट्रेनिंग ओलंपिक से सिर्फ तीन महीने शुरू नहीं की जा सकती।
(IANS इनपुट के साथ)
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | स्पोर्ट्स (sports News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
मैं समीर कुमार ठाकुर टाइम्स नाउ हिंदी (Timesnowhindi.com) की स्पोर्ट्स टीम का अहम सदस्य हूं। मैं मूल...और देखें
PSG, UEFA Champions League Champion: पीएसजी ने रचा इतिहास, इंटर मिलान को फाइनल में रौंदकर पहली बार जीता खिताब
सिंगापुर ओपन के सेमीफाइनल में खत्म हुआ सात्विक-चिराग की जोड़ी का सफर
IND vs ENG: करुण नायर ने नंबर 3 के लिए ठोका दावा, इंग्लैंड लायंस के खिलाफ जड़ दिया दोहरा शतक
ENG vs WI: विंडीज के खिलाफ एजबेस्टन वनडे में जीत के बाद आई इंग्लैंड के खेमे से बुरी खबर
IND vs ENG: इंग्लैंड दौरे पर कप्तान शुभमन गिल के सामने होगी ये बड़ी चुनौती, डी विलियर्स ने किया खुलासा
PSG, UEFA Champions League Champion: पीएसजी ने रचा इतिहास, इंटर मिलान को फाइनल में रौंदकर पहली बार जीता खिताब
उम्मीद है कि शत्रु को सबक मिला होगा- ऑपरेशन सिंदूर पर सिंगापुर में बोले CDS जनरल अनिल चौहान
अमेरिकी प्रस्ताव में ऐसा क्या, जिस पर बर्बाद होने के बाद भी सीजफायर को तैयार नहीं हो रहा हमास? पांच प्वाइंट में समझिए
Delhi: CNG सिलेंडर में हुआ धमाका, चपेट में आए चार लोग घायल
कासिम का भाई भी निकला पाकिस्तानी जासूस, ISI को भेजी थीं सेना से जुड़ी तस्वीरें; दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited