करियर की सबसे बड़ी हार से निराश पीवी सिंधू ने भावुक मन से किया ये ऐलान
PV Sindhu On Her Future: रियो ओलंपिक 2016 में रजत और तोक्यो ओलंपिक 2020 में कांस्य पदक जीतने वाली सिंधू चीन की दुनिया की नौवें नंबर की खिलाड़ी ही बिंग जियाओ से सीधे गेम में हारने के बाद पेरिस ओलंपिक से बाहर हो गईं। अब सिंधू ने करियर की सबसे बड़ी हार के बाद एक बड़ा फैसला लिया है।
पीवी सिंधू (Instagram)
- भारतीय बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधू हार से बहुत निराश
- ओलंपिक में मिली मात को करियर की सबसे बड़ी हार बताया
- सिंधू ने बताया कि अब वो खेल से ब्रेक ले रही हैं
भारतीय बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधू ने शुक्रवार को कहा कि वह ओलंपिक खेलों से प्री क्वार्टर फाइनल में बाहर होने के बाद संक्षिप्त ब्रेक लेंगी क्योंकि वह अपने करियर की ‘सबसे कड़ी हार में से एक’ से उबर रही हैं लेकिन उन्होंने अपने आगे के सफर का ‘सावधानीपूर्वक’ मूल्यांकन करने के बाद खेल जारी रखने का वादा किया।
रियो ओलंपिक 2016 में रजत और तोक्यो ओलंपिक 2020 में कांस्य पदक जीतने वाली सिंधू चीन की दुनिया की नौवें नंबर की खिलाड़ी ही बिंग जियाओ से सीधे गेम में हारने के बाद पेरिस ओलंपिक से बाहर हो गईं।
सिंधू ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘अपने भविष्य के बारे में मैं स्पष्ट होना चाहती हूं: मैं खेलना जारी रखूंगी, हालांकि थोड़े समय के ब्रेक के बाद। मेरे शरीर और उससे भी महत्वपूर्ण बात, मेरे दिमाग को इसकी जरूरत है। हालांकि मैं आगे की यात्रा का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने की योजना बना रही हूं और जिस खेल से मैं बहुत प्यार करती हूं, उसे खेलने में ज्यादा आनंद ढूंढूंगी।’’
उन्होंने लिखा, ‘‘यह हार मेरे करियर की सबसे कठिन हार में से एक है। इसे स्वीकार करने में समय लगेगा लेकिन जैसे-जैसे जीवन आगे बढ़ेगा, मुझे पता है कि मैं इसे स्वीकार कर लूंगी।’’ भारत की शीर्ष खिलाड़ियों शामिल इस 29 वर्षीय ने कहा कि खेलों के लिए उनकी तैयारी आदर्श नहीं थी लेकिन यहां आने के बाद उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘पेरिस 2024 की यात्रा एक संघर्ष थी जिसमें दो साल तक चोट से जूझना और खेल से लंबे समय तक दूर रहना शामिल था। इन चुनौतियों के बावजूद यहां खड़े होकर और तीसरे ओलंपिक में अपने अद्भुत देश का प्रतिनिधित्व करते हुए मैं वास्तव में धन्य महसूस करती हूं।’’
सिंधू ने कहा, ‘‘मैं इस स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि एक पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए बहुत भाग्यशाली हूं। मेरी टीम और मैंने पेरिस 2024 के लिए अपना सब कुछ झोंक दिया, बिना किसी पछतावे के कोर्ट पर सब कुछ किया।’’
हैदराबाद की यह खिलाड़ी भारत की सबसे सफल खिलाड़ियों में से एक हैं जिन्होंने एक स्वर्ण और दो रजत सहित पांच विश्व चैंपियनशिप पदक जीते हैं। वह दो बार की ओलंपिक पदक विजेता के अलावा राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों की कई बार की पदक विजेता भी हैं।
(भाषा इनपुट के साथ)
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