जसपाल राणा और रनिंदर सिंह की दो टूक, कहा- 'खेलो इंडिया से कुछ नहीं हो रहा हासिल'

पेरिस ओलंपिक में भारतीय निशानेबाजों की सफलता के बाद रनिंदर सिंह और मशहूर कोच जसपाल राणा ने खेलो इंडिया कार्यक्रम की आलोचना की है। दोनों का मानना है कि निशानेबाजी में इससे कुछ हासिल नहीं हुआ।

Manu bhakar Jaspal Rana

मनुभाकर और जसपाल राणा

तस्वीर साभार : भाषा
मुख्य बातें
  • जसपाल राणा ने की है निशानेबाजी में खेलो इंडिया गेम्स की आलोचना
  • की एनआरएआई जूनियर कार्यक्रम को शुरू करने की मांग
  • रनिंदर सिंह ने कहा खेलो इंडिया कार्यक्रम से कुछ नहीं हुआ हासिल

शेटराउ: अनुभवी प्रशासक रनिंदर सिंह और मशहूर कोच जसपाल राणा समेत भारतीय निशानेबाजी समुदाय ने शनिवार को कहा कि खेलो इंडिया परियोजना से कुछ हासिल नहीं हो रहा और राष्ट्रीय महासंघ के अधीन जूनियर कार्यक्रम फिर शुरू होना चाहिये। केंद्र सरकार के खेलो इंडिया खेल का मार्ग प्रशस्त करने के लिये भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) जूनियर कार्यक्रम को बंद कर दिया गया था।

मनु भाकर को पेरिस में मिला लंबे अनुभव का फायदा

पेरिस ओलंपिक में दो कांस्य जीतने वाली मनु भाकर समेत कई निशानेबाजों को लंबे अनुभव का फायदा मिला है। लेकिन जसपाल और रनिंदर जैसे विशेषज्ञों का मानना है कि अगर विकास कार्यक्रम का पूरा नियंत्रण महासंघ को नहीं दिया गया तो लॉस एंजिलिस ओलंपिक 2028 में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहेगा।

खेलो इंडिया से कुछ नहीं मिल रहा

रनिंदर ने पीटीआई से कहा,'अगर आपको लॉस एंजिलिस के लिये टीम चाहिये तो मेरा जूनियर कार्यक्रम वापिस कीजिये। एनआरएआई को इसे चलाने दीजिये। फिर इसे खेलो इंडिया कहिये या कुछ और। लेकिन अगर सरकार चलाती रही तो हमारे पास लॉस एंजिलिस के लिये टीम नहीं होगी। खेलो इंडिया से कुछ नहीं मिल रहा। राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय किसी भी स्तर पर। निशानेबाजी में अगर आपको खिलाड़ी को तैयार करना है और उसे रोज 1000 कारतूस नहीं चाहिये। उसे रोजाना सौ कारतूस दिये जाते हैं और उसके प्रदर्शन पर नजर रखी जाती है। भारत में हर कोई कोच है।'

जसपाल राणा ने की जूनियर कार्यक्रम फिर शुरू करने की मांग

पूर्व राष्ट्रीय कोच और मनु के निजी कोच जसपाल ने कहा, मैं पूरी तरह से सहमत हूं। खेलो इंडिया जूनियर कार्यक्रम ही है। बस सब कुछ महासंघ के हाथ से लेकर इसे खेलो इंडिया बना दिया गया है। यह कैसे संभव है कि एक साल के भीतर खेलो इंडिया से पदक मिलने लगे। क्योंकि आपने सर्वश्रेष्ठ को चुना लेकिन उन्हें तैयार करने में आठ साल लगे हैं। जूनियर कार्यक्रम फिर शुरू होना चाहिये।'

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | स्पोर्ट्स (sports News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

नवीन चौहान author

नवीन चौहान टाइम्स नाउ हिंदी (Timesnowhindi.com) की स्पोर्ट्स टीम के सदस्य हैं। वो मूल रूप से मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर के रहने वाले हैं। इनके पास ...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited