मीठे से की तौबा, रातों जागे भी, सुमित के गोल्ड मेडल के पीछे बलिदानों की दास्तां

Sumit Antil Gold Medal: भारत के पैरा भालाफेंक खिलाड़ी सुमित अंतिल के पेरिस पैरालम्पिक स्वर्ण के पीछे बलिदानों की लंबी दास्तां है जिसमें मीठा खाना छोड़ना और कई रातें जागकर गुजारना शामिल है। पैरालम्पिक से पहले तेजी से वजन बढने के जोखिम के कारण सुमित को अपनी पसंदीदा मिठाइयों से परहेज करना पड़ा। क्या कुछ कहा उन्होंने, आइए जानते हैं।

सुमित अंतिल (Instagram)

मुख्य बातें
  • पेरिस पैरालम्पिक 2024
  • भारत के सुमित अंतिल ने जीता जेवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल
  • सुमित ने बयां की अपने बलिदानों की कहानी
पिछले एक दशक से अधिक समय से पीठ की चोट से जूझ रहे भारत के पैरा भालाफेंक खिलाड़ी सुमित अंतिल के पेरिस पैरालम्पिक स्वर्ण के पीछे बलिदानों की लंबी दास्तां है जिसमें मीठा खाना छोड़ना और कई रातें जागकर गुजारना शामिल है। पैरालम्पिक से पहले तेजी से वजन बढने के जोखिम के कारण सुमित को अपनी पसंदीदा मिठाइयों से परहेज करना पड़ा।इसके अलावा पिछले साल हांगझोउ पैरा एशियाई खेलों में कमर में लगी चोट भी उन्हें परेशान कर रही थी।
फिजियो की सलाह पर सुमित ने मिठाई खाना छोड़ दिया और कड़ी डाइटिंग पर थे । उन्होंने दो महीने में 12 किलो वजन कम किया। उनकी मेहनत यहां रंग लाई जब पैरालम्पिक खिताब बरकरार रखने वाले वह दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए। उन्होंने पैरालम्पिक खेलों में 70.59 मीटर का नया रिकॉर्ड भी बनाया।
उन्होंने यहां मीडिया से कहा, ‘‘मैंने 10 से 12 किलो वजन कम किया। मेरे फिजियो विपिन भाई ने मुझसे कहा कि वजन से मेरी रीढ की हड्डी पर दबाव बन रहा है । इसलिये मैने मीठा खाना बंद किया जो मुझे बहुत पसंद है । इसके अलावा सही खुराक लेने पर फोकस रखा।’’
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