ISL New Rules: सभी क्लबों के लिए हुआ भारतीय सहायक कोच रखना अनिवार्य, हुए और भी बदलाव

इंडियन सुपर लीग में नए सीजन के आगाज से पहले कई नए नियम लागू किए गए हैं जिसमें टीम में एक भारतीय असिस्टेंट कोच रखने की बाध्यता सभी क्लबों पर लागू कर दी गई है।

इंडियन सुपर लीग चैंपियन

कोलकाता: इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) ने 13 सितंबर से शुरू होने वाले अपने 11वें सत्र से पहले बुधवार को सभी क्लबों के लिए अनिवार्य भारतीय सहायक कोच, कनकशन (सिर पर चोट लगने से बेहोश जैसी स्थिति) सब्सटीट्यूट की अनुमति और ‘गलत’ लाल कार्ड के फैसलों के खिलाफ अपील जैसे कुछ नए नियम लागू किए। नए नियमों के अनुसार,'सभी टीमों के पास एक भारतीय सहायक कोच होना चाहिए जिसके पास एएफसी प्रो लाइसेंस (या इसके बराबर) हो।' नए नियम में कहा गया है,'यदि मुख्य कोच को उसके पद से मुक्त कर दिया जाता है या कुछ मैचों के लिए निलंबित कर दिया जाता है, तो भारतीय सहायक कोच अंतरिम मुख्य कोच के रूप में मुख्य कोच के सभी कर्तव्यों को संभालेगा।'

बर्खास्तगी का अब कर सकेंगे विरोध

एफसी गोवा इस संबंध में एक आदर्श उदाहरण होगा जहां गौरमांगी सिंह कोचिंग की भूमिका संभालेंगे भारत के मौजूदा वर्तमान कोच मेनोलो मारक्वेज उपलब्ध नहीं होंगे। यदि कोई खिलाड़ी या क्लब यह मानता है कि रैफरी की स्पष्ट गलती के कारण खिलाड़ी को गलत तरीके से बाहर भेजा गया है तो वह बर्खास्तगी का विरोध भी कर सकता है। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) द्वारा ऐसा प्रावधान पेश किया गया है और आईएसएल 2024-25 के लिए लीग नियमों में शामिल किया गया है।

सबूत के साथ होगी अपील दायर

लेकिन यदि बर्खास्तगी दूसरी चेतावनी प्राप्त करने या आपत्तिजनक भाषा का उपयोग करने के कारण हुई है, तो ऐसा आवेदन अस्वीकार कर दिया जाएगा और शुल्क जब्त कर लिया जाएगा। अपील दायर करने के लिए खिलाड़ी/क्लब को मैच समाप्त होने के दो घंटे के भीतर मैच आयुक्त को सूचित करना होगा और 24 घंटे के भीतर एआईएफएफ को शुल्क और साक्ष्य लिखित रूप में प्रस्तुत करना होगा। इसके बाद एआईएफएफ रैफरी विभाग से एक तकनीकी रिपोर्ट प्राप्त करेगा।
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