डॉक्टर या इंजीनियर बनना जरूरी नहीं, खेलों से भी बन सकती अच्छी लाइफ, स्कूल कार्यक्रम में बोलीं ओलंपियन मनु भाकर
Manu Bhaker: पढ़ोगे, लिखोगे बनोगे नवाब, जो तुम खेलोगे, कूदोगे तो होगे खराब, मनु भाकर इस लाइन से इत्तेफाक नहीं रखती। स्कूल के एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने खेल के महत्व को समझाया और बताया कि खेल भी एक अच्छी लाइफ दे सकता है।
मनु भाकर (साभार-x)
Manu Bhaker: ओलंपिक में ऐतिहासिक प्रदर्शन के साथ स्वदेश लौटी भारतीय निशानेबाज मनु भाकर ने मंगलवार को यहां एक स्कूल में सम्मानित होने के बाद छात्रों को खेलों में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि इससे ‘जिंदगी अच्छी’ बनाई जा सकती है। हरियाणा की इस 22 साल की निशानेबाज ने पेरिस ओलंपिक में दो कांस्य पदक अपने नाम किये। वह ओलंपिक के किसी एक सत्र में दो पदक जीतने वाली देश की पहली खिलाड़ी हैं।
मनु ने यहां ‘वेलाम्मल नेक्सस स्कूल’ में आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘ टोक्यो ओलंपिक में निराशा मिलने के बाद मेरे लिए फिर से आत्मविश्वास हासिल करना काफी मुश्किल था। मैं उस समय विश्व रैंकिंग में दूसरे स्थान पर थी लेकिन अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं विफलता के बाद सफलता के स्वाद को जानती हूं। खेलों की यही खूबसूरती है। आप एक प्रतियोगिता में हारते है तो दूसरे में जीतते है। लेकिन ऐसा तभी होगा जब आप लगातार कड़ी मेहनत करना जारी रखेंगे।’’
मनु ने युवा छात्रों से खेल को करियर विकल्प के रूप में अपनाने की सलाह देने के साथ ‘बड़े सपने देखने’ और ‘कड़ी मेहनत’ पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, हमें बहुत कड़ी मेहनत और प्रयास करना चाहिए। यह हमेशा किसी बड़े लक्ष्य के साथ शुरू नहीं होता है, आपको इसे हासिल करने के लिए निरंतर काम करते रहना होता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ आप अगर बड़े सपने देख सकते हैं, तो आप बड़ा हासिल कर सकते हैं। इसलिए, हमेशा बड़े सपने देखने से शुरुआत करें।’’मनु ने कहा, ‘‘मैं हमेशा अपने आप से कहती हूं कि चाहे मैं किसी भी प्रतियोगिता में जीतूं या हारूं, मैं हमेशा अपना मनोबल बनाये रखूंगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास करियर के कई विकल्प हैं। आपको डॉक्टर या इंजीनियर बनने की जरूरत नहीं है। खिलाड़ियों का जीवन एक सुंदर जीवन है। वित्तीय सहायता से लेकर किसी भी तरह की मदद तक, आपको खेल में सब कुछ मिलता है।’’
पेरिस ओलंपिक में मनु ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल के अलावा 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में सरबजोत सिंह के साथ जोड़ी बनाकर कांस्य पदक जीते। उन्हें खुद को प्रेरित करने में अपने माता-पिता की भूमिका को महत्वपूर्ण करार दिया। मनु ने कहा, ‘‘मेरी प्रेरणा मेरी मां से मिली। उन्होंने मुझे वैसा बनाया जैसी मैं आज हूं। माता-पिता के समर्थन के बिना, एक बच्चा बहुत कुछ नहीं कर सकता।’’
(भाषा इनपुट के साथ)
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