भारतीय फुटबॉल संघ ने लिया बड़ा फैसला, अब टीम के साथ जुड़ा ये शख्स

All India Football Federation, Sports Psychologist:अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए बड़ा फैसला लिया है। भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम के साथ पहली बार एक खेल मनोवैज्ञानिक को जोड़ा गया है।

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श्यामल वल्लभजी के साथ खिलाड़ी। (फोटो- भारतीय फुटबॉल टीम के ट्विटर से)

तस्वीर साभार : भाषा

All India Football Federation, Sports Psychologist: अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने सोमवार को बताया कि खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की कवायद के तहत पहली बार भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम के साथ एक खेल मनोवैज्ञानिक को जोड़ा गया है। श्यामल वल्लभजी अगले महीने होने वाले इंटरकॉन्टिनेंटल कप की तैयारी कर रहे खिलाड़ियों के राष्ट्रीय शिविर से जुड़ गए हैं। श्यामल इससे पहले एटीपी टूर, आईपीएल फ्रेंचाइजी और दुनिया के कई पेशेवर गोल्फर के साथ काम कर चुके हैं।

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भारतीय टीम इसके बाद बेंगलुरू में सैफ चैंपियनशिप में हिस्सा लेगी, जबकि जनवरी 2024 में दोहा में होने वाले एशियाई कप तक उसे कुछ और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा लेना है। एआईएफएफ ने विज्ञप्ति में कहा, ‘मानसिक स्वास्थ्य पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करना महासंघ के उद्देश्यों में से है, जिसका लक्ष्य ना केवल क्षमता और प्रदर्शन को अधिकतम करना, बल्कि खिलाड़ियों के बीच विश्वास और एकजुटता का वातावरण भी बनाना है।’ उन्होंने कहा, ‘खेल मनोवैज्ञानिक के जुड़ने से खिलाड़ियों की थकान के मुद्दे का समाधान होगा और सुनिश्चित होगा के उनके पास उबरने के लिए प्रणाली मौजूद रहे।’

मुख्य कोच इगोर स्टिमक को उम्मीद है कि श्यामल के सहयोगी स्टाफ में शामिल होने से टीम को दीर्घकाल में मजबूत टीम संस्कृति और ड्रेसिंग रूम के भीतर अपनेपन की भावना पैदा करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा उन्हें व्यक्तिगत खिलाड़ी और टीम के रूप में आत्मविश्वास, एकाग्रता और दबाव का सामना करने से जुड़ी रणनीति बनाने में मदद मिलेगी।

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स्टिमक ने कहा, ‘हम यह समझने के साथ शुरू करेंगे कि प्रत्येक खिलाड़ी का व्यक्तित्व किस प्रकार दबाव पर प्रतिक्रिया देता है और फिर एक कोचिंग प्रणाली बनाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे जो उन्हें बाहरी दबाव के लिए भावनात्मक रूप से लचीला बनने में मदद करेगा।’ राष्ट्रीय टीम के साथ अपनी नियुक्ति पर उत्साह व्यक्त करते हुए श्यामल ने कहा कि खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ के साथ शुरुआती बातचीत के सकारात्मक परिणाम मिले हैं।

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उन्होंने कहा, ‘खिलाड़ियों की नियमित तौर पर मनोवैज्ञानिक रूप से निगरानी की जाती है, उनकी शारीरिक बेहतरी के हर पहलू की जांच की जाती है और उन पर काम किया जाता है। उनके लिए मनोवैज्ञानिक रूप से ऐसा करना महत्वपूर्ण है। मुझे नई भारतीय फुटबॉल परियोजना का हिस्सा बनने पर गर्व है और सफलता हासिल करने में उनकी मदद करने की उम्मीद है।’

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