Vinesh Phogat First Reaction: सिल्वर मेडल की अपील खारिज होने के बाद विनेश फोगाट ने तोड़ी चुप्पी, जारी किया बयान
निलंबन की वजह से पेरिस ओलंपिक में पदक जीतने में नाकाम रही भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने सीएएस द्वारा सिल्वर मेडल दिए जाने की अपील को रिजेक्ट किए जाने के बाद पहली प्रतिक्रिया दी है।
विनेश फोगाट
मुख्य बातें
- सीएएस के अपील खारिज करने के बाद विनेश ने दी पहली प्रतिक्रिया
- अधूरा रह गया एक लक्ष्य, ये कमी कभी नहीं होगी पूरी
- सच के लिए आगे भी लड़ती रहूंगी
Vinesh Phogat CAS Verdict: पेरिस ओलंपिक में अधिक वजन की वजह से हुए निलंबन की वजह पदक जीतने में नाकाम रही भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने सीएएस द्वारा सिल्वर मेडल दिए जाने की अपील को रिजेक्ट किए जाने के बाद पहली प्रतिक्रिया दी है। विनेश फोगाट ने सोशल मीडिया पर तीन पन्नों का लेटर साझा किया है और अपने कुश्ती करियर की यात्रा और संघर्ष के किस्से साझा किए हैं। विनेश ने पेरिस ओलंपिक में मेडल ना मिलने को लेकर भी प्रतिक्रिया इस लेटर में दी है।
मेरी किस्मत खराब थी, हमने हथियार नहीं डाले
पेरिस ओलंपिक में पदक नहीं जीत पाने की टींस को जाहिर करते हुए विनेश ने अपने पत्र के सबसे आखिर में कहा, मैं बहुत कुछ कहना चाहती हूं और बहुत कुछ बताना चाहती हूं लेकिन इसके लिए शब्द कभी पूरे नहीं पड़ेंगे। जब समय सही होगा तब मैं फिर से अपनी बात कहूंगी। छह अगस्त की रात और 7 अगस्त की सुबह हमने हार नहीं मानी, हमारी कोशिश आखिर तक नहीं थमी, हमने हथियार नहीं डाले लेकिन घड़ी रुक गई और वक्त सही नहीं था। मेरी किस्मत भी खराब थी।
ये कमी कभी नहीं होगी पूरी
मैं अपनी टीम, देशवासियों और परिवार के लिए जिस लक्ष्य को हासिल करना चाहती थी वो अधूरा रह गया। ये कमी मुझे जीवनभर महसूस होगी ये ऐसी कमी है जो कभी पूरी नहीं होगी और पहले जैसी नहीं होगी। संभवत: किसी और परिस्थितियों में खुद को 2032 तक खेलता पाऊं क्योंकि मेरे अंदर लड़ाई और कुश्ती हमेशा बनी रहेगी। मैं ये भविष्यवाणी नहीं कर सकती कि भविष्य ने मेरे लिए क्या छिपा रखा है और इस जीवन यात्रा में क्या मेरा इंतजार कर रहा है लेकिन इस बात को लेकर मैं सुनिश्चित हूं मैं हमेशा उन चीजों को लेकर लड़ती रहूंगी जो मुझे लगता है कि सही है और जिसपर मैं भरोसा करती हूं।
पदक जीतकर क्या दिखाना चाहती थीं विनेश
रेसलर्स प्रोटेस्ट में शामिल होने के बारे में विनेश ने कहा, पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान मैं महिलाओं और राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा के लिए लड़ी और इसकी रक्षा के लिए कड़ी मेहनत कर रही थी। लेकिन 28 मई, 2028 को राष्टध्वज के साथ अपनी तस्वीरों को देखती हूं तो वो मुझे परेशान कर देती हैं। मेरी इच्छा थी कि इस ओलंपिक में भारत का झंडा लहराए मेरे पास राष्टध्वज की एक तस्वीर हो जो वास्तव में इसके मूल्यों का प्रतिनिधित्व करती हो और इसकी गरिमा को पुनर्स्थापित करे। मुझे लगा कि ऐसा करके ये सही तरीके बता सकती हूं कि झंडा और कुश्ती पर क्या गुजरी। मैं भारतवासियों को यह दिखाने की उम्मीद कर रही थी।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | स्पोर्ट्स (sports News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
End of Article
नवीन चौहान author
नवीन चौहान टाइम्स नाउ हिंदी (Timesnowhindi.com) की स्पोर्ट्स टीम के सदस्य हैं। वो मूल रूप से मध्य...और देखें
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited