पेरिस ओलंपिक 2024: सोचा न था यूं खत्म हो जाएगा विनेश फोगाट का सफर, ऐसा टूटा दिल कि कुश्ती को ही कह दिया अलविदा

पेरिस ओलंपिक में विनेश को कुश्ती फाइनल से पहले ही 100 ग्राम वजन अधिक होने की वजह से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। कैसे शुरू हुआ ये घटनाक्रम और फिर विनेश ने क्यों ले लिया संन्यास ये समझते हैं।

Vinesh Phogat

विनेश फोगाट ने कुश्ती को कहा अलविदा

मुख्य बातें
  • पेरिस ओलंपिक 2024 में स्टार महिला पहलवान विनेश फोगाट का सपना टूटा
  • दिल तोड़ देने वाले घटनाक्रम के बाद विनेश ने कुश्ती से संन्यास का ऐलान किया
  • कहा- मां, कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब।

Vinesh Phogat bids goodbye to wrestling: पेरिस ओलंपिक 2024 में न सिर्फ भारत की स्टार महिला पहलवान विनेश फोगाट का सपना टूटा है, बल्कि पूरे देश की उम्मीदों को झटका लगा है। उससे भी बड़ा झटका ये रहा कि दिल तोड़ देने वाले घटनाक्रम के बाद विनेश ने कुश्ती से ही संन्यास का ऐलान कर दिया। पेरिस ओलंपिक में मेडल जीतने का सपना टूटने के बाद विनेश फोगाट ने कुश्ती को ही अलविदा कह दिया। उनके इस फैसले से पूरा देश हैरान रह गया। बुधवार को खबर आई थी कि विनेश फाइनल मुकाबले से ठीक पहले 100 ग्राम वजन अधिक होने के कारण अयोग्य ठहरा दिया गया है। देश अभी इस दुख से उबरा भी नहीं था कि आज सुबह विनेश ने कुश्ती को अलविदा कहने का ऐलान कर दिया। जीत की दहलीज से खाली हाथ लौटने की टीस और दर्द विनश सहन नहीं कर सकीं और कुश्ती से हमेशा के लिए दूर होने का फैसला कर लिया।

उन्होंने ट्वीट किया- मां, कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना। आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024। मैं आप सभी की हमेशा ऋणी रहूंगी। मुझे माफ कर दीजिए।" बता दें कि विनेश को कुश्ती फाइनल से पहले ही 100 ग्राम वजन अधिक होने की वजह से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। कैसे शुरू हुआ ये घटनाक्रम और फिर विनेश ने क्यों ले लिया संन्यास ये समझते हैं।

विनेश को अयोग्य घोषित करने की आई खबर

भारतीय समयानुसार, बुधवार सुबह अचानक खबर आई कि विनेश फोगाट को वजन अधिक होने की वजह से अयोग्य घोषित कर दिया गया है। इससे पहले विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में सिल्वर मेडल पक्का कर लिया था और वे अगले दिन फाइनल के लिए तैयार थी लेकिन बुधवार सुबह को जब उनका वजन नापा गया तो वह कुछ ग्राम ज्यादा निकला और उन्हें अमान्य घोषित कर दिया गया। उनका भारत के लिए मेडल जीतने का सपना टूट गया। वह पूरी तरह निराश हो गईं। विनेश 50 किलो कैटेगरी में कुश्ती लड़ती हैं और उनका वजन मापने पर अधिक पाया गया। उन्होंने रातभर वजन करने के लिए कोशिशें कीं, रनिंग, जॉगिंग सहित हर उपाय अपनाया, खूब पसीना बहाया लेकिन, सुबह उनका वजन 100 ग्राम अधिक ही निकला। ओलंपिक अधिकारियों भारतीय दल की अपील ठुकराते हुए विनेश को अयोग्य ठहरा दिया।

रात भर की कोशिशें गईं बेकार

विनेश की मेडिकल टीम के प्रमुख डॉ. दिनशॉ पारदीवाला ने कहा कि मंगलवार को तीन मुकाबले लड़ने के बाद विनेश के वजन में सामान्य से अधिक इजाफा हुआ था। विनेश ने तीन मुकाबले लड़े और पानी की कमी से बचने के लिए थोड़ी मात्रा में पानी दिया गया। हमने पाया कि प्रतिस्पर्धा के बाद उसके वजन में सामान्य से अधिक इजाफा हुआ और कोच ने वजन में कमी की सामान्य प्रक्रिया शुरू की। डॉ. दिनशॉ पारदीवाला ने कहा कि हमने रात भर हर संभव प्रयास किया जिसमें उसके बाल काटना, उसके कपड़े छोटे करना भी शामिल है, लेकिन इसके बावजूद हम उसे 50 किग्रा वजन वर्ग के दायरे में नहीं ला पाए। आखिर विनेश को अयोग्य ठहरा दिया गया।

इन खिलाड़ियों को हराया था

विनेश ने अपने पहले मुकाबले में वर्ल्ड नंबर 1 और 4 बार की ओलंपिक चैंपियन जापान की युई सुसाकी को हराया और फिर यूक्रेन की ओक्साना लिवाच को हराकर सेमीफाइनल में जगह पक्की की थी। इसके बाद उन्होंने सेमीफाइनल में क्यूबा की युस्नेलिस गुजमैन लोपेज को हराकर कम से कम रजत पदक पक्का कर लिया था। विनेश स्वर्ण पदक जीतने की प्रबल दावेदार थीं लेकिन मुकाबले से ऐन पहले उनका वजन लगभग 100 ग्राम अधिक पाया गया। विनेश और कोच ने वजन कम करने की हर संभव कोशिश की लेकिन यह संभव नहीं हो सका।

पूरा देश हुआ निराश, संसद में भी गूंज

इस खबर ने पूरे देश को हिला दिया। मामले की गूंज संसद तक पहुंची। खुद पीएम मोदी ने ट्वीट कर विनेश का हौसला बढ़ाया। उन्होंने इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन अध्यक्ष पीटी ऊषा से बात कर इसका सख्त विरोध दर्ज कराने की बात कही। विनेश के साथियों, परिजनों ने भी उनका हौंसला बढ़ाने की पुरजोर कोशिशें की। ताऊ महावीर फोगाट ने कहा कि विनेश एक दिन पदक जरूर लाएगी और वह खुद उसे तैयार करेंगे। लेकिन उधर, पेरिस से आई तस्वीरें बता रही थीं कि विनेश किस कदर निराश हैं। घुटनों के बीच सिर रखे बैठी विनेश का हावभाव बता रहे थे कि उनकी क्या मनोदशा चल रही है। इसे वही समझ सकती है, जिस पर ये बीत रही हो। मेडल के एकदम करीब पहुंचकर इस तरह इसका दूर छिटक जाना किसी का भी दिल तोड़ सकता है।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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