EXPLAINED: कुश्ती में क्या होता है रेपचेज? प्री-क्वार्टर फाइनल और क्वार्टर फाइनल में हार के बाद भी पहलवान कैसे जीत सकता है मेडल

What Is Repechage In Wrestling? जानिए क्या होता है कुश्ती में रेपचेज नियम, कैसे प्री क्वार्टर और क्वार्टर फाइनल में हारने के बाद भी पहलवान जीत पाते हैं ओलंपिक जैसी स्पर्धाओं में मेडल?

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विनेश फोगाट

मुख्य बातें
  • कुश्ती में दिए जाते हैं दो कांस्य पदक
  • सेमीफाइनल में पहुंचने पर पक्का नहीं होता है कांसा
  • रिपचेज राउंड के जरिए तय होते हैं कांस्य पदक
पेरिस: फ्रांस की राजधानी पेरिस में चल रहे 33वें ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में कुश्ती की स्पर्धाएं शुरू हो गई हैं। ऐसे में कई बार लोगों का ध्यान कुश्ती का एक नियम अनायास ही अपनी ओर खीच लेता है। इस नियम का नाम है रेपचेज। ये ऐसा नियम है जो पहलवानों को प्री क्वार्टर फाइनल और क्वार्टर फाइनल मुकाबले में हार के बाद भी कांस्य पदक जीतने का मौका देता है। इसी नियम के तहत भारत को कुश्ती में दो कांस्य पदक मिले हैं। साल 2008 में सुशील कुमार ने, साल 2012 में योगेश्वर दत्त ने, साल 2016 में साक्षी मलिक, 2021 में बजरंग पूनिया ने रेपचेज राउंड में कांस्य पदक अपने नाम किया था।
रेपचेज फ्रेंच भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है बचाव। कुश्ती में यह शब्द उन पहलवानों के लिए इस्तेमाल होता है जो प्री क्वार्टर फाइनल या उसके बाद के राउंड में फाइनल में पहुंचने वाले खिलाड़ियों से हार जाते हैं। रेपचेज पहलवानों को हार के बाद भी वापसी करने और कांस्य पदक जीतने का मौका देता है। कुश्ती में दो कांस्य पदक दिए जाते हैं। फाइनल में पहुंचने वाले पहलवानों के ही गोल्ड और सिल्वर मेडल पक्के होते हैं। सेमीफाइनल में पहुंचने के बाद कुश्ती में कांस्य पदक पक्का नहीं होता है।

ये खिलाड़ी होते हैं कांस्य पदक के दावेदार

कांस्य पदक जीतने के कई दावेदार होते हैं। जिन खिलाड़ियों को फाइनल में पहुंचने वाले पहलवानों के खिलाफ हार मिली होती है वो कांस्य पदक जीत के दावेदार बन जाते हैं। मान लीजिए पहलवान X ने प्री क्वार्टर फाइनल में A को, क्वार्टर फाइनल में B को और सेमीफाइनल में C को मात दी। वहीं दूसरी तरफ पहलवान Y ने D, E और F को मात दी। ऐसे में A,B,C,D,E,F सभी कांस्य पदक के दावेदार हो जाते हैं।
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