जिनके सामने टिक नहीं पाते थे पुरुष पहलवान, कहानी भारत की पहली महिला रेसलर की..

Hamida Banu: आज गूगल भारत की पहली महिला पहलवान को सेलिब्रेट कर रहा है। अलीगढ़ की रहने वाली हमीदा बानो से पुरुष पहलवान भी कुश्ती करने से डरते थे। आज के दिन उन्होंने तबके स्टार पहलवान को हराकर इतिहास रचा था।

भारत की पहली महिला पहलवान (साभार-X)

मुख्य बातें
  • हमीदा बानो यूपी की अलीगढ़ की पहलवान थीं
  • भारत की पहली महिला पहलवान हमीदा बानो थीं
  • 1954 में आज ही के दिन रचा था इतिहास

Hamida Banu: आज अलीगढ़ को भले ही रिंकू सिंह के नाम से जाना जाता है, लेकिन ये वो शहर है जिसने 1900 के दशक में भारत को पहली महिला पहलवान दिया जिसने पूरे विश्व में भारत के नाम का डंका बजवाया, नाम हमीदा बानो जिनका जन्म 1900 के दशक में उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ में एक पहलवान परिवार में हुआ था। पिता को बचपपन से पहलवानी करते देखा तो मन बना लिया कि वो भी लड़ेंगी। आज गूगल इस महिला धाकड़ पहलवान को सेलिब्रेट कर रहा है।

हमीदा ने जीते 300 से ज्यादा प्रतियोगिता

हमीदा बानो के बारे में कहा जाता है कि वह कोई भी खेल चुनती तो उसमें अव्वल होती, लेकिन रेसलिंग जैसे खेल में महिला का आना और इस तरह से डॉमिनेट करना अपने आप में एक रोमांच कर देने वाला किस्सा है। बानो ने अपने पूरे करियर में 300 से ज्यादा गेम जीते।

पुरुष पहलवानों को देती थीं चुनौती

हमीदा बानो की पहलवानी का स्तर इस बात से समझा जा सकता था कि वह पुरुष पहलवानों को भी खुली चुनौती देती थीँ। पुरुष पहलवान भी उनके दमखम से परिचित थे, तभी वह मुकाबला करने से सौ बार सोचते थे। एक बार तो उन्होंने छोटे गामा को भी लड़ने की चुनौती दी थी, लेकिन उन्होंने हार की डर से अपना नाम वापस ले लिया।

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