Wimbledon 2023: टेनिस को मिली नई क्वीन, मार्केटा वोंद्रोसोवा पहली बार बनीं ग्रैंडस्लैम चैंपियन
चेक रिपब्लिक की 24 वर्षीय खिलाड़ी मार्केटा वोंद्रोसोवा ने ट्यूनीशिया की ओन्स जाबेउर को सीधे सेटों में मात देकर विंबलडन 2023 का महिला एकल खिताब अपने नाम कर लिया है।
मार्केटा वोंद्रोसोवा( साभार Wimbledon)
लंदन: चेक रिपब्लिक की मार्केटा वोंद्रोसोवा ने ट्यूनीशिया की ओन्स जाबेउर को सीधे सेटों में 6-4, 6-4 से हराकर विंबलडन 2023 का महिला एकल खिताब अपने नाम कर लिया है। 24 वर्षीय वोंद्रोसोवा के करियर का ये पहला ग्रैंडस्लैम खिताब है। इससे पहले वो साल 2019 में फ्रेंच ओपन के फाइनल तक पहुंचने में सफल हुई थीं लेकिन खिताब अपने नाम नहीं कर सकी थीं। लेकिन इस बार उन्होंने हाथ आए मौके को खाली नहीं जाने दिया और विंबलडन के साथ ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने का आगाज किया।
लगातार दूसरी बार जाबेउर की झोली रही खाली
ट्यूनीशिया की 28 वर्षीय ओन्स जाबेउर का यह तीसरा ग्रैंड स्लैम फाइनल था। पिछले साल भी वो विंबलडन के फाइनल में पहुंची थीं लेकिन खिताबी जीत नहीं हासिल कर सकीं एलिना रायबकिना ने उन्हें मात दी थी। इसके बाद 2022 के यूएस ओपन के फाइनल में भी उनका खिताबी जीत का सपना टूट गया था। वो इस बार फिर विंबडलन में अधूरा रह गया।
पहली गैरवरीयता प्राप्त महिला चैंपियन
दुनिया की नंबर 42 खिलाड़ी वोंद्रोसोवा के करियर का यह दूसरी खिताबी जीत है। वोंद्रोसोवा विंबलडन के इतिहास में खिताब जीतने वाली पहली गैरवरीयता प्राप्त महिला खिलाड़ी बनी हैं। उन्होंने अपनी खिताबी जीत से लोगों के साथ-साथ खुद को भी हैरान कर दिया। इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि विंबलडन 2023 से पहले वो ऑल इंग्लैंड क्लब में केवल एक मैच जीत सकी थीं और इस बार सबको हैरान करते हुए खिताब अपने नाम कर लिया।
शरीर पर बनवाए हैं बहुत सारे टैटू
वो खिताब जीतने वाली ऐसी खिलाड़ी भी बनी हैं जिसके शरीर में सबसे ज्यादा टैटू बने हैं। उनके शरीर पर बने एक टैटू में लिखा है, नो रेन-नो फ्लावर्स(बगैर बारिश के फूल नहीं खिलते)। ये पंक्तियां उन्होंने खुद को लगातार प्रेरित करने के लिए शरीर पर गुदवाई हैं।
शुरुआत में पिछड़ने के बाद जीती बाजी
मैच में पहले सेट में 2-4 से और दूसरे में 1-3 से पिछड़ने के बावजूद उन्होंने अप्रत्याशित रूप से सीधे सेट में खिताबी जीत हासिल करने का अद्भुत कारनामा कर दिखाया है। पिछले साल उनकी कलाई में प्लास्टर बंधा था और वो पर्यटक के रूप में लंदन आई थीं।
खिताब जीतने वाली चेक रिपब्लिक की तीसरी महिला खिलाड़ी
विंबलडन का महिला एकल खिताब जीतने वाले चेक रिपब्लिक की तीसरी खिलाड़ी हैं। उनसे पहले मार्टीना नवरातिलोवा 9 बार और पेट्रा क्विटोवा दो बार(2011 और 2014) विंबलडन का महिला एकल खिताब अपने नाम किया था।
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