जेनरेटिव AI टूल्स को सिक्योरिटी के लिए खतरा मानती हैं 92% भारतीय कंपनियां, रिसर्च में दावा

generative AI: भारत में लगभग 71 प्रतिशत लोग इस बात से सहमत हैं कि सामान्य कर्मचारी नहीं, बल्कि आईटी टीमें उपयोग के पीछे जबरदस्त ताकत बनकर उभरती हैं। भारत में 75 प्रतिशत उत्तरदाताओं को साल के अंत से पहले जेनरेटिव एआई टूल्स के प्रति रुचि में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है।

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generative AI: जेनरेटिव एआई टूल्स भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था के केंद्र में हैं। कम से कम 92 प्रतिशत ऑर्गेनाइजेशन जेनएआई को एक संभावित सुरक्षा जोखिम मानते हैं। क्लाउड सिक्योरिटी प्रोवाइडर जेडस्केलर की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 95 प्रतिशत ऑर्गेनाइजेशन किसी न किसी रूप में जेनरेटिव एआई टूल का उपयोग कर रहे हैं, उनमें से 75 प्रतिशत अभी तक चैटजीपीटी जैसे जेनरेटिव एआई टूल का उपयोग न करने के लिए स्किल या टैलेंट की कमी को स्वीकार करते हैं।

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जेनरेटिव एआई

भारत में लगभग 71 प्रतिशत लोग इस बात से सहमत हैं कि सामान्य कर्मचारी नहीं, बल्कि आईटी टीमें उपयोग के पीछे जबरदस्त ताकत बनकर उभरती हैं। जेडस्केलर के एपीजे के सीटीओ सुदीप बनर्जी ने कहा कि हमारा सर्वे जेनरेटिव एआई अपनाने की गतिशीलता को रेखांकित करता है। जेनरेटिव एआई टेक्नोलॉजी की पूरी क्षमता को अनलॉक करने के लिए जीरो ट्रस्ट प्रिंसिपल्स और स्किल्स डेवलपमेंट दोनों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।

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