भारतीय कंपनियां खूब कर रही GenAI का इस्तेमाल, 19 देशों में टॉप पर भारत

Indian firms GenAI: हाल ही में नैसकॉम-बीसीजी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का एआई बाजार 25-35 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ रहा है और 2027 तक 17 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया है कि संगठन एआई का इस्तेमाल अपनी कस्टमर सर्विस बेहतर करने, धोखाधड़ी का पता लगाने और रोगियों की देखभाल के लिए भी कर रहे हैं।

भारतीय कंपनियां खूब कर रही GenAI का इस्तेमाल, 19 देशों में टॉप पर भारत

Indian firms GenAI: भारतीय कंपनियां भी अब जनरेटिव एआई (GenAI) का इस्तेमाल करने लगी हैं। 94 प्रतिशत कंपनियां कम से कम एक काम में जनरेटिव एआई (जेनएआई) का इस्तेमाल कर रही हैं, जो सर्वे किए गए 19 देशों में ग्लोबल लेवल पर सबसे अधिक प्रतिशत है। एआई कंपनी डेटाब्रिक्स की लेटेस्ट रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई। रिपोर्ट के अनुसार, केवल 24 प्रतिशत भारतीय पार्टिसिपेंट मानते हैं कि उनके जेनएआई एप्लीकेशन प्रोडक्शन-रेडी हैं, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में लोगों ने जेनएआई टूल को लागू करने में लागत, कौशल, शासन और गुणवत्ता की कमी को प्रमुख चुनौतियां माना है।

AI पर फोकस कर रहीं भारतीय कंपनियां

10 में से सात से अधिक भारतीय पार्टिसिपेंट ने एआई को अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों के लिए महत्वपूर्ण माना। केवल 29 प्रतिशत का मानना है कि टेक्निकल और नॉन-टेक्निकल डोमेन में निवेश पर्याप्त है। 2027 तक, सभी 100 प्रतिशत भारतीय पार्टिसिपेंट को आंतरिक और बाहरी उपयोग के मामलों में जेनएआई अपनाने की उम्मीद है।

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डेटाब्रिक्स इंडिया के उपाध्यक्ष और कंट्री मैनेजर अनिल भसीन ने कहा, "भारत में व्यवसाय तेजी से एआई को अपना रहे हैं, वे ग्राहकों की जरूरतों को देखते हुए डेटा-संचालित सॉल्यूशन को इंटीग्रेट करने के लिए एक नया मानक स्थापित कर रहे हैं।"

उन्होंने कहा कि रिपोर्ट "डेटा इंटेलिजेंस के महत्व को पुष्ट करती है और इस बात पर प्रकाश डालती है कि उद्योग के लीडर वे होंगे, जो मजबूत डेटा प्रबंधन, शासन और विशेष विशेषज्ञता पर ध्यान केंद्रित करते हुए समग्र दृष्टिकोण अपनाएंगे।"

तेजी से बढ़ रहा भारत का AI मार्केट

हाल ही में नैसकॉम-बीसीजी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का एआई बाजार 25-35 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ रहा है और 2027 तक 17 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। जबकि पहले से कई कंपनियां एआई में निवेश कर रही हैं। 86 प्रतिशत भारतीय पार्टिसिपेंट के अनुसार, अगले तीन वर्षों के भीतर, नेचुरल लैंग्वेज प्राथमिक या एकमात्र तरीका होगा, जिससे नॉन-टेक्निकल कर्मचारी कॉम्प्लेक्स डेटासेट के साथ बातचीत करेंगे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि संगठन एआई का इस्तेमाल अपनी कस्टमर सर्विस बेहतर करने, धोखाधड़ी का पता लगाने और रोगियों की देखभाल के लिए भी कर रहे हैं। कई अन्य उपयोग मामलों में, समग्र व्यावसायिक सफलता में तेजी लाने के लिए टेक्नोलॉजी की दीर्घकालिक क्षमता पर प्रकाश डाला गया है।

इनपुट- आईएएनएस

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Vishal Mathel author

विशाल मैथिल, टाइम्स नाउ नवभारत ( Timesnowhindi.com) में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर नवंबर 2023 से जुड़ें हैं। इससे पहले वह दैनिक भास्कर, अमर उजाला मध्यप्रद...और देखें

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