ओरियन अंतरिक्ष यान से ली गई एक तस्वीर ने बदल दिया पृथ्वी को देखने का नजरिया

नासा के ‘ओरियन’ अंतरिक्ष यान की ली हुई एक तस्वीर ने हमारे गृह पृथ्वी को लेकर एक नया दृष्टिकोण प्रदान किया है। यह तस्वीर आर्टेमिस-1 मिशन के दौरान ली गई। चंद्रमा के दूसरी तरफ से पृथ्वी को देखने में कुछ अलग बात है। यह तस्वीर किसी दूसरे गृह से ली गईं पृथ्वी की अन्य ऐतिहासिक तस्वीरों की तुलना में कैसी है?

चंद्रमा से ली गईं अलग-अलग तस्वीरें बदल देती हैं पृथ्वी को देखने का नजरिया (तस्वीर-Pixabay)

एडिलेड: अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (नासा) के ‘ओरियन’ अंतरिक्ष यान की ली हुई एक तस्वीर ने हमारे गृह पृथ्वी को लेकर एक नया दृष्टिकोण प्रदान किया है। यह तस्वीर आर्टेमिस-1 मिशन के दौरान ली गई। इस मिशन के तहत चंद्रमा के आसपास चक्कर लगाने के लिए एक मानवरहित यान भेजा गया था, जो वापस पृथ्वी की ओर लौट रहा है। अब नासा 2025 में अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर उतारने की योजना पर काम कर रहा है। हम हर रोज उपग्रहों और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से पृथ्वी की तस्वीरें प्राप्त करते हैं। लेकिन चंद्रमा के दूसरी तरफ से पृथ्वी को देखने में कुछ अलग बात है। यह तस्वीर किसी दूसरे गृह से ली गईं पृथ्वी की अन्य ऐतिहासिक तस्वीरों की तुलना में कैसी है?

अर्थराइज तस्वीर

दिसंबर 1968 में, अपोलो 11 मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर पहुंचे। जब उन्होंने देखा कि पृथ्वी चंद्रमा के क्षितिज से ऊपर उठी हुई है, तो उन्हें पता चला कि यह कुछ खास है। लेकिन अंतरिक्ष यात्रियों ने इसकी रंगीन तस्वीर खींचने के लिए काफी जद्दोजहद की। इस तस्वीर को ‘अर्थराइज’ कहा जाता है। फोटोग्राफर गैलेन रोवेल ने दल की ली हुई तस्वीर को “अब तक की सबसे प्रभावशाली पर्यावरणीय तस्वीर” कहा।

छह साल पहले, जीवविज्ञानी राहेल कार्सन की पुस्तक ‘साइलेंट स्प्रिंग’ ने लोगों का इस बात की ओर ध्यान आकर्षित किया कि कैसे मानव उद्योग स्थलीय पारिस्थितिक तंत्र को नुकसान पहुंचा रहे हैं। पुस्तक की वजह से पर्यावरण आंदोलन फिर से जिंदा होने लगे। इसके बाद ‘अर्थराइज’ तस्वीर पर चर्चा होने लगी।

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