क्या इंसानों की समझ को टक्कर देगा AI? o3 सिस्टम की टेस्टिंग से ही हिला टेक वर्ल्ड

AI System Has Reached Human Level On AGI: अगर o3 को इंसानों की तरह अनुकूल (adaptive) साबित किया जाता है, तो यह इंडस्ट्री में क्रांति ला सकता है, जिससे AI खुद को सुधार सकेगा और इससे बड़े आर्थिक बदलाव हो सकते हैं। लेकिन, अगर o3 इस स्तर तक नहीं पहुंचता, तो भी यह एक बेहतरीन तकनीकी उपलब्धि मानी जाएगी।

​OpenAI o3 AI system​ (image-istock)

OpenAI o3 AI system (image-istock)

AI System Has Reached Human Level On AGI: पिछले कुछ समय से एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर काफी चर्चाएं हो रही हैं। लेकिन अब एआई ने एक और बड़ी चर्चा को जन्म दिया है। दरअसल, एक नए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मॉडल ने "सामान्य बुद्धिमत्ता" को मापने के लिए डिजाइन किए गए टेस्टिंग पर इंसानों के बराबर के रिजल्ट प्राप्त किए हैं। यानी एआई, इंटेलिजेंस के मामले में इंसानों के बराबर पहुंच रहा है।

ये भी पढ़ें: क्यों नहीं खरीदना चाहिए महंगा फोन, सच्चाई जान कर लेंगे तौबा

AI ने तोड़े सभी रिकॉर्ड

20 दिसंबर को, OpenAI के o3 सिस्टम ने "जनरल इंटेलिजेंस" मापने के लिए बनाए गए एक टेस्ट में इंसानों के लेवल के रिजल्ट हासिल किए। इस टेस्ट में o3 ने ARC-AGI बेंचमार्क पर 85% स्कोर किया, जो पहले के AI के बेस्ट स्कोर (55%) से कहीं अधिक था और औसत इंसानी स्कोर के बराबर था। इसके अलावा, इसने एक बहुत कठिन गणितीय टेस्ट में भी अच्छा प्रदर्शन किया।

ARC-AGI बेंचमार्क का महत्व

ARC-AGI टेस्टिंग "सैंपल एफिशिएंसी" को मापता है, या कम से कम उदाहरणों का उपयोग करके AI नई समस्याओं के लिए कितनी आसानी से समझता है। GPT-4 जैसे मॉडल के विपरीत, जिसके लिए बहुत अधिक डेटा की आवश्यकता होती है, o3 ने नई ग्रिड-पैटर्न समस्याओं को हल करके अनुकूलनशीलता दिखाई है। ये काम मानव IQ टेस्ट के जैसे ही हैं, जिसमें पैटर्न की पहचान और कमजोर नियमों के सामान्यीकरण की आवश्यकता होती है। आसान शब्दों में कहें तो यह ऐसा ही है जैसे कि हम समस्या को हल करने के लिए सबसे आसान तरीका खोज लेते हैं।

o3 की एडेप्टिव क्षमता

OpenAI ने इनको लेकर पूरी जानकारी का खुलासा नहीं किया है, लेकिन o3 की सफलता से पता चलता है कि यह "कमजोर नियमों" को खोजने में मास्टर है। यह क्षमता नई समस्याओं के लिए एडेप्टेशन को आसान बनाती है, जो बुद्धिमत्ता यानी इंटेलिजेंस की एक पहचान है। "विचारों की श्रृंखलाओं" के माध्यम से खोज करके, o3 उसी तरह सॉल्यूशन जनरेट और मूल्यांकन कर सकता है जिस तरह Google का AlphaGo AI, अनुमानों द्वारा निर्देशित होकर Go चलाता है।

o3 की पावर और AGI

o3 की क्षमताएं और इसके द्वारा हमें AGI (Artificial General Intelligence) तक पहुंचने में कितनी मदद मिल सकती है, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है। इसकी परफॉर्मेंस शायद ARC-AGI टेस्ट के लिए खास तरीके से ट्रेनिंग देने के कारण हो, न कि इसके जनरल इंटेलिजेंस में कोई मौलिक सुधार की वजह से। इसकी सही परफॉर्मेंस को समझने के लिए और भी टेस्टिंग और पारदर्शिता की जरूरत है।

कितना आगे बढ़ेगा AI

अगर o3 को इंसानों की तरह अनुकूल (adaptive) साबित किया जाता है, तो यह इंडस्ट्री में क्रांति ला सकता है, जिससे AI खुद को सुधार सकेगा और इससे बड़े आर्थिक बदलाव हो सकते हैं। लेकिन, अगर o3 इस स्तर तक नहीं पहुंचता, तो भी यह एक बेहतरीन तकनीकी उपलब्धि मानी जाएगी। o3 के रिलीज होने से यह स्पष्ट होगा कि इसकी क्रांतिकारी क्षमता कितनी है और क्या AGI के लिए नए स्टैंडर्ड और शासन मॉडल (governance models) की आवश्यकता है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। टेक एंड गैजेट्स (Tech-gadgets News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

Vishal Mathel author

विशाल मैथिल, टाइम्स नाउ नवभारत ( Timesnowhindi.com) में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर नवंबर 2023 से जुड़ें हैं। इससे पहले वह दैनिक भास्कर, अमर उजाला मध्यप्रद...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited