2Africa Pearls cable: एयरटेल भारत लाया गजब टेक्नोलॉजी, 1 सेकेंड में ट्रांसफर करेगी 100000GB डेटा

Airtel 2Africa Pearls cable: 2अफ्रीका पर्ल्स, 2अफ्रीका केबल सिस्टम का एक हिस्सा है। जब ये प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा तो दुनिया का सबसे लंबा सब-सी केबल सिस्टम होगा, जो मध्य पूर्व के माध्यम से एशिया को अफ्रीका और यूरोप से जोड़ेगा। एयरटेल का ग्लोबल नेटवर्क 50 देशों और पांच महाद्वीपों में 400,000 आरकेएमएस (रूट किलोमीटर) तक फैला है।

Airtel 2Africa Pearls cable

Airtel 2Africa Pearls cable (image-istock)

Airtel 2Africa Pearls cable: भारती एयरटेल ने देश में 2अफ्रीका पर्ल्स केबल को लेकर आया है, जो भारत को अफ्रीका और मध्य पूर्व के रास्ते यूरोप से जोड़ेगी। एयरटेल भारत में 2अफ्रीका पर्ल्स केबल के लिए लैंडिंग पार्टनर है। इस सुविधा के लिए एयरटेल ने 2अफ्रीका पर्ल्स के निवेशक- सेंटर3 और मेटा के साथ साझेदारी की है।

100 टीबीपीएस की क्षमता

2अफ्रीका पर्ल्स भारत में 100 टीबीपीएस (टेराबिट प्रति सेकंड) से अधिक की अंतरराष्ट्रीय क्षमता है। इस निवेश के साथ ही एयरटेल ने ग्लोबल नेटवर्क में विविधता के साथ ही भारत के डिजिटल क्षेत्र में आगे बढ़ने की आकांक्षा को सपोर्ट किया है।

ये भी पढ़ें: इंडिया की ग्रोथ में दुनिया की ग्रोथ शामिल, भारत से दुनिया को मिलती है 60% वैक्सीन: बिल गेट्स

एयरटेल बिजनेस के निदेशक और सीईओ शरत सिन्हा ने कहा, "हम 2अफ्रीका पर्ल्स केबल को भारत में लाकर रोमांचित हैं, जो नेटवर्क के प्रति हमारे समर्पण और विषम परिस्थितियों का सामना करने की दृढ़ता को दर्शाता है। हम अपने वैश्विक नेटवर्क में तेजी से विविधता ला रहे हैं और हाल ही में एसईए-डब्ल्यूई-एमई-6 केबल मुंबई और चेन्नई के नए लैंडिंग स्टेशनों पर उतारा है। "

उन्होंने कहा, "हम अपने ग्राहकों को हाई-अपटाइम, विश्वसनीयता और बेहतर गुणवत्ता वाला नेटवर्क देने के उद्देश्य से ग्लोबल केबल सिस्टम और अपने फ्यूचर-प्रूफ नेटवर्क में निवेश करना जारी रखेंगे।" भारत में 2अफ्रीका पर्ल्स केबल के लिए एयरटेल लैंडिंग पार्टनर है। यह 2अफ्रीका पर्ल्स के निवेशकों - सेंटर3 और मेटा के साथ साझेदारी में है।

45,000 किलोमीटर से अधिक में होगा फैलाव

2अफ्रीका पर्ल्स, 2अफ्रीका केबल सिस्टम का एक हिस्सा है। जब ये प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा तो दुनिया का सबसे लंबा सब-सी केबल सिस्टम होगा, जो मध्य पूर्व के माध्यम से एशिया को अफ्रीका और यूरोप से जोड़ेगा। इसका फैलाव 45,000 किलोमीटर से अधिक होगा। एयरटेल का ग्लोबल नेटवर्क 50 देशों और पांच महाद्वीपों में 400,000 आरकेएमएस (रूट किलोमीटर) तक फैला है।

कंपनी ने ग्लोबल स्तर पर 34 केबल में निवेश किया है, जिनमें 2अफ्रीका, साउथईस्ट एशिया-जापान केबल 2 (एसजेसी2) और इक्वियानो शामिल हैं। भारत को एशिया-प्रशांत, यूरोप, मध्य पूर्व और अमेरिका जैसे प्रमुख क्षेत्रों से जोड़ने वाली इन केबलों के अलावा, एयरटेल के ग्लोबल सब-सी नेटवर्क निवेशों में आई2आई केबल नेटवर्क, यूरोप इंडिया गेटवे (ईआईजी), आईएमईडब्ल्यूई, एसईए-एमई-डब्ल्यूई-4, एएजी, यूनिटी, ईएएसएसवाई, गल्फ ब्रिज इंटरनेशनल (जीबीआई) और मिडिल ईस्ट नॉर्थ अफ्रीका सबमरीन केबल ( एमईएनए केबल) जैसे बड़े केबल सिस्टम भी शामिल हैं।

भारत पहले से ही वैश्विक सब-सी केबल नेटवर्क में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसमें मुंबई, चेन्नई, कोचीन, तूतीकोरिन और त्रिवेंद्रम में 14 लैंडिंग स्टेशनों से जुड़ी लगभग 17 अंतर्राष्ट्रीय सब-सी केबल हैं। टाटा कम्युनिकेशंस, भारती एयरटेल, ग्लोबल क्लाउड एक्सचेंज और बीएसएनएल जैसी भारतीय दूरसंचार दिग्गज इन इंफ्रास्ट्रक्चर का संचालन करती हैं। हाल ही में, भारती एयरटेल ने चेन्नई में एसईए-एमई-डब्ल्यूई सबमरीन केबल को स्थापित किया, जिससे इसकी अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी मजबूत हुई।

ग्लोबल टेक दिग्गज मेटा ने 'प्रोजेक्ट वॉटरवर्थ' की भी घोषणा की है, जो 50,000 किलोमीटर लंबी अंडर-सी केबल पहल है जो भारत को अमेरिका, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका से जोड़ेगी, जिससे ग्लोबल डिजिटल नेटवर्क में देश के बढ़ते महत्व को बल मिलेगा।

इनपुट-आईएएनएस

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। टेक एंड गैजेट्स (Tech-gadgets News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

Vishal Mathel author

विशाल मैथिल, टाइम्स नाउ नवभारत ( Timesnowhindi.com) में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर नवंबर 2023 से जुड़ें हैं। इससे पहले वह दैनिक भास्कर, अमर उजाला मध्यप्रद...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited