Ola-Uber से नाराज हैं ऑटो-टैक्सी ड्राइवर्स, Rapido क्यों हुआ नजरअंदाज, जानें कारण

Auto Taxi Strike: दिल्ली और एनसीआर में चल रही हड़ताल के बीच ड्राइवर का कहना है कि 200 रुपये की सवारी के लिए मुझे केवल 110 या 100 रुपये मिलते हैं। उनका कहना है कि हम कई सालों से ओला और उबर जैसी कंपनियों के बारे में सरकारों और विभागों को लिख रहे हैं, लेकिन कोई नहीं सुनता।

Auto Taxi Strike against Ola-Uber

Auto Taxi Strike: दिल्ली और एनसीआर में आज (शुक्रवार) को 15 ऑटो और टैक्सी यूनियन के ड्राइवर्स हड़ताल पर है। ऑटो-टैक्सी ड्राइवर्स, राइड-हेलिंग सर्विस ओला और उबर के खिलाफ दो दिवसीय हड़ताल कर रहे हैं। यानी यह हड़ताल कल भी जारी रहने वाली है। लेकिन सोचने वाली बात यह है कि ऑटो-टैक्सी चालक उबर और ओला से नाराज हैं, लेकिन रैपिडो से नहीं।

क्या है पूरा मामला?

यह हड़ताल ऑटो-रिक्शा और टैक्सी चालकों तथा ओला और उबर जैसी थर्ड पार्टी ऐप-आधारित सर्विस के बीच चल रहे संघर्ष का हिस्सा है। ड्राइवर इन कंपनियों की भारी कमीशन रेट की आलोचना कर रहे हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, कई ओला-उबर ड्राइवर का दावा है कि ओला और उबर दोनों ही कंपनियां कार के रखरखाव और ईंधन लागत को छोड़कर बहुत अधिक कमीशन लेती हैं। जिससे ड्राइवर को बहुत कम पैसे मिलते हैं।

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