दिल थाम लीजिए, चंद्रयान-3 के लॉन्च की उलटी गिनती आज से होगी शुरू
ISRO ने Twitter पर जानकारी दी है कि Chandrayaan-3 के लॉन्च की तैयारी का रिव्यू पूरा हो गया है। इसे लॉन्च करने का अधिकार भी दिया जा चुका है और चंद्रमा के लिए उड़ान भरने का काउंडाउन आज से शुरू किया जाएगा।
चंद्रमा के लिए इस रॉकेट की उड़ान की उलटी गिनती कल से शुरू हो जाएगी।
मुख्य बातें
- चंद्रयान-3 का काउंडाउन कल से शुरू
- 14 को उड़ान भर सकता है चंद्रयान-3
- इसरो ने ट्विटर पर दी बड़ी जानकारी
Chandrayaan-3 Countdown Begins Tomorrow: इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन यानी इसरो ने चंद्रयान-3 के लॉन्च का समय भी अब बता दिया है। ट्विटर पर एक पोस्ट द्वारा इसरो ने बताया कि मिशन की तैयारी का रिव्यू हो चुका है और बोर्ड ने इस रॉकेट को लॉन्च करने का अधिकार मिल गया है। चंद्रमा के लिए इस रॉकेट की उड़ान की उलटी गिनती आज से शुरू हो जाएगी। बता दें कि 14 जुलाई को दोपहर 2 बजे से आप भी लाइव लॉन्च देख सकते हैं जिसके लिए इसरो की वेबसाइट http://isro.gov.in पर जाना होगा। इसके अलावा यूट्यूब, फेसबुक और डीडी नेशनल पर भी ये लॉन्च लाइव देखा जा सकता है।
भारत का सबसे भारी रॉकेट
कुछ समय पहले ही इसरो जानकारी दी थी कि चंद्रयान 3 में पेलोड चढ़ा दिया है। इसे जीएसएलवी एमके-3 द्वारा लॉन्च किया जाने वाला है और भारत के सबसे भारी रॉकेट को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। बता दें कि चंद्रयान-3 मिशन 14 जुलाई को दो बजे चंद्रमा के लिए रवाना होगा। पृथ्वि के इकलौते नेचुरल सेटेलाइट यानी चांद की जमीन को अच्छी तरह एक्सप्लोर किया जा सकेगा।
3,900 किग्रा है स्पेसक्राफ्ट का वजन
इस स्पेसक्राफ्ट का भार कुल 3,900 किलोग्राम है जिसमे पहली बार सामान यानी रॉकेट का पेलोड यूआर राव सेटेलाइट सेंटर में भरा गया था। फिर इसे रॉकेट के साथ जोड़ने के लिए ले जाया गया जो पृथ्वि की कक्षा से बाहर धकाता है। ये धरती से चांद की ओर लगभग 3,84,000 किमी तक चंद्रयान 3 को लेकर जाएगा। इस बारे में जानकारी देते हुए इसरो के चीफ एस सोमनाथ ने कहा, “हम चंद्रमा पर आसानी से लैंडिंग करने में सक्षम होंगे। 14 जुलाई को ये रॉकेट लॉन्च किया जा सकता है, हालांकि मौसम को देखते हुए ये तारीख 19 जुलाई तक भी बढ़ सकती है।”
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रॉकेट के टॉप पर रखा गया पेलोड
पेलोड रॉकेट के टॉप पर रखा गया है जिसमें लैंडर और रोवर शामिल हैं जो इसे उड़ाने वाले मॉड्यूल के साथ जुड़ा हुआ है। ये प्रोपल्जन मॉड्यूल अलग होने के पहले रॉकेट को चांद की सतह से 100 किमी दूरी तक लेकर जाएगा। इसके बाद ये अलग हो जाएगा और चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह के लिए रवाना हो जाएगा। इसके साथ जो रोवर भेजा जाएगा वो चांद की सतह का बारीकी से केमिकल आंकलन करेगा।
4 साल पहले क्रैश हुआ था चंद्रयान-2
चंद्रयान-3 का लॉन्च भारत का एक और साहसी कदम है जिसे चंद्रमा पर चंद्रयान-2 के क्रैश हो जाने के 4 साल बाद दोबारा उठाया जा रहा है। चंद्रयान-3 मिशन चंद्रमा के दक्षिणी पोलर रीजन की छान-बीन करने वाला है और प्रयास किया जा रहा है कि चांद पर इसकी लैंडिंग बिना किसी गड़बड़ के पूरी हो जाए। ऐसा होने पर भारत दुनिया का चौथा देश बन जाएगा जिसने ये मुकाम हासिल किया हो।
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अंशुमन साकल्ले author
अंशुमन साकल्ले जून 2022 से टाइम्स नाउ नवभारत (www.timesnowhindi.com/) में बतौर सीनियर स्पेशल करेस्पॉ...और देखें
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