AI के जोखिम-खतरों से निपटने के लिए दुनियाभर का सामूहिक प्रयास जरूरी: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव

Ashwini Vaishnaw On AI: उन्होंने कहा कि एआई आर्थिक तथा सामाजिक चुनौतियों के लिए एक बहुत बड़ा साधन हो सकती है। इसके साथ ही पिछले एक वर्ष में इससे हमारी सामाजिक संस्थाओं को होने वाले खतरों, जोखिमों और चुनौतियों का भी व्यापक स्तर पर आभास हुआ है।

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केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (फाइल फोटो)

Ashwini Vaishnaw On AI: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि दुनिया में सभी देश और समाज एआई से उत्पन्न होने वाले नए खतरों तथा जोखिमों को लेकर जागरूक हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी चुनौतियों का प्रभावी समाधान केवल सामूहिक वैश्विक प्रयासों से ही मुमकिन है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री ने कहा कि ‘इंडिया एआई मिशन’ जिसे इस वर्ष की शुरुआत में मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी, उसे अगले दो से तीन महीने में पेश किया जाएगा।

ग्लोबल इंडिया एआई समिट में बोले वैष्णव

वैष्णव ने यहां ‘ग्लोबल इंडिया एआई समिट’ में कहा, ‘‘पूरा ‘पैकेज’... पूरा एआई मिशन जिसे कुछ महीने पहले मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी... दल उसकी नींव और सभी सात स्तंभों को स्थापित करने पर काम कर रहा है... संभवत: दो से तीन महीने में हम इस मिशन को पेश कर देंगे।’’ गौरतलब है कि मंत्रिमंडल ने इस वर्ष मार्च में ‘इंडिया एआई मिशन’ के लिए 10,300 करोड़ रुपये से अधिक के आवंटन को मंजूरी दी थी। यह भारत के एआई परिवेश को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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इंडिया एआई इनोवेशन सेंटर

अगले पांच वर्षों में दिए जाने वाले इस वित्तीय निवेश का मकसद ‘इंडिया एआई मिशन’ के विभिन्न घटकों को बढ़ावा देना है, जिसमें ‘इंडिया एआई कंप्यूट कैपेसिटी’, ‘इंडियाएआई इनोवेशन सेंटर’ (आईएआईसी), ‘इंडियाएआई डेटासेट प्लेटफॉर्म’, ‘इंडियाएआई एप्लिकेशन डेवलपमेंट इनिशिएटिव’, ‘इंडियाएआई फ्यूचरस्किल्स’, ‘इंडियाएआई स्टार्टअप फाइनेंसिंग’ और सुरक्षित तथा विश्वसनीय एआई जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

समाज कल्याण के लिए एआई की क्षमता

वैष्णव ने बुधवार को कहा कि एआई मिशन में भारत का दृष्टिकोण टेक्नोलॉजी का लोकतंत्रीकरण करना होगा। मंत्री ने 'ग्लोबल इंडिया एआई समिट' में अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि बदलाव और समाज कल्याण के लिए एआई की क्षमता स्पष्ट है। दुनिया भर के देश इस नई टेक्नोलॉजी से होने वाले खतरों तथा जोखिमों को भी पहचानते हैं।

उन्होंने कहा कि एआई आर्थिक तथा सामाजिक चुनौतियों के लिए एक बहुत बड़ा साधन हो सकती है। वैष्णव ने कहा, ‘‘ इसके साथ ही पिछले एक वर्ष में इससे हमारी सामाजिक संस्थाओं को होने वाले खतरों, जोखिमों और चुनौतियों का भी व्यापक स्तर पर आभास हुआ है।’’

एआई और फेक न्यूज

सूचना टेक्नोलॉजी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद की टिप्पणियों का उल्लेख करते हुए वैष्णव ने कहा, ‘‘ हाल के आम चुनाव में हमने देखा है कि गलत सूचना, भ्रामक सूचना तथा फर्जी खबरें कितनी बड़ी चुनौती हो सकती हैं। यह चुनौती एआई की शक्ति से कई गुना बढ़ जाती हैं। न केवल भारत, बल्कि विश्व भी एआई से उत्पन्न खतरों और जोखिमों को लेकर जागरूक हो रहा है।’’

भारत कब तक एआई पर विनियमन तथा सुरक्षा उपाय तैयार करेगा इस सवाल पर मंत्री ने कहा कि विचार-विमर्श जारी है, लेकिन राजनीतिक आम सहमति की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा, ‘‘ चर्चा जारी है...इसके लिए राजनीतिक सहमति की आवश्यकता है। समाज के सभी वर्गों को खतरों तथा अवसरों को समझना चाहिए...उसके बाद ही हमें कानूनी पहलू पर गौर करना चाहिए।’’

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Vishal Mathel author

विशाल मैथिल, टाइम्स नाउ नवभारत ( Timesnowhindi.com) में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर नवंबर 2023 से जुड़ें हैं। इससे पहले वह दैनिक भास्कर, अमर उजाला मध्यप्रद...और देखें

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