Ghibli इफेक्ट की तस्वीरें बनाना पड़ सकता है महंगा, साइबर सुरक्षा पर मंडरा रहा खतरा

Ghibli style effects image: विशेषज्ञों के मुताबिक, निजी तस्वीरों में न केवल चेहरे का डेटा होता है, बल्कि स्थान, समय और उपकरण जैसी छिपी हुई जानकारी (मेटाडेटा) भी शामिल होती है, जिससे व्यक्तिगत जानकारी का खुलासा हो सकता है।

Ghibli style effects image

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Ghibli style effects image: लोकप्रिय एआई टूल चैटजीपीटी पर तस्वीरों को जापानी एनिमेशन शैली जिबली में ढालने की सुविधा शुरू होने के साथ ही दुनिया भर में यह बहुत जल्द लोकप्रिय हो गया। हालांकि, साइबर सुरक्षा एक्सपर्ट इस मनोरंजक चलन से गोपनीयता के लिए गंभीर खतरे पैदा होने की आशंका भी जताने लगे हैं।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि एआई टूल की सर्विस शर्तें अक्सर अस्पष्ट होती हैं, जिससे यह अनिश्चित रहता है कि तस्वीर प्रसंस्कृत होने के बाद यूजर्स की तस्वीरों का क्या होता है। कुछ ऑनलाइन प्लेटफार्म ने यूजर्स की निजी तस्वीरों को स्टोर न करने की बात कही है जबकि अधिकांश प्लेटफार्म इस बारे में खुलकर कुछ नहीं बता रहे हैं।

विशेषज्ञों के मुताबिक, निजी तस्वीरों में न केवल चेहरे का डेटा होता है, बल्कि स्थान, समय और उपकरण जैसी छिपी हुई जानकारी (मेटाडेटा) भी शामिल होती है, जिससे व्यक्तिगत जानकारी का खुलासा हो सकता है। क्विक हील टेक्नोलॉजीज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विशाल साल्वी ने बताया कि ये एआई टूल न्यूरल स्टाइल ट्रांसफर गणना-पद्धति का उपयोग करते हैं।

उन्होंने चेतावनी दी कि कंपनियां भले ही डेटा स्टोर न करने का दावा करें, लेकिन अपलोड की गई तस्वीरों का उपयोग निगरानी या विज्ञापन के लिए एआई मॉडल को प्रशिक्षित करने जैसे उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। मैकएफी के प्रतीम मुखर्जी ने कहा कि इन उपकरणों का डिज़ाइन उपयोगकर्ताओं को यह समझने से रोकता है कि वे वास्तव में किस बात से सहमत हो रहे हैं। उन्होंने चिंता जताई कि रचनात्मकता की आड़ में डेटा साझाकरण का एक ऐसा तरीका बन रहा है जिसे उपयोगकर्ता पूरी तरह से समझते नहीं हैं।

विशेषज्ञों ने डेटा उल्लंघन के जोखिम को भी रेखांकित किया, जिससे चोरी हुई तस्वीरों का उपयोग डीपफेक और पहचान धोखाधड़ी के लिए किया जा सकता है। कैस्परस्की के व्लादिस्लाव तुशकानोव ने कहा कि तस्वीरों से जुटाया गया डेटा लीक हो सकता है या उसे डार्क वेब पर बेचा जा सकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक बार कोई फोटो सार्वजनिक हो जाए तो उसे वापस लेना मुश्किल है।

एक्सपर्ट ने यूजर्स को एआई ऐप के साथ व्यक्तिगत फ़ोटो साझा करते समय सावधानी बरतने की सलाह दी है। इसमें मजबूत पासवर्ड का उपयोग करना, प्रमाणीकरण सक्षम करना और अपलोड करने से पहले मेटाडेटा को हटाना शामिल है। उन्होंने सरकारों से डेटा उपयोग के संबंध में स्पष्ट खुलासे को अनिवार्य करने का भी आह्वान किया है।

इनपुट-भाषा

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Vishal Mathel author

विशाल मैथिल, टाइम्स नाउ नवभारत ( Timesnowhindi.com) में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर नवंबर 2023 से जुड़ें हैं। इससे पहले वह दैनिक भास्कर, अमर उजाला मध्यप्रद...और देखें

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