UPI पेमेंट से घटा डेबिट कार्ड लेनदेन, एक महीने में 8% की गिरावट
Debit Card Transactions Decline: आरबीआई पेपर के अनुसार, हाल के वर्षों में खुदरा डिजिटल भुगतान (आरडीपी) में शानदार वृद्धि देखी गई है, जो रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट को छोड़कर कुल डिजिटल भुगतान है। 2016 में लॉन्च किए गए यूपीआई ने पिछले पांच सालों में खुदरा डिजिटल भुगतान (आरडीपी) वॉल्यूम में सबसे ज्यादा हिस्सा लिया है।
Debit Card Transactions Decline
Debit Card Transactions Decline: भारतीय रिजर्व बैंक के मासिक आंकड़ों के अनुसार, यूपीआई आधारित डिजिटल भुगतान में वृद्धि के बीच डेबिट कार्ड आधारित लेनदेन में गिरावट दर्ज हुई है। आंकड़ों के अनुसार, डेबिट कार्ड आधारित लेनदेन इस साल अगस्त में लगभग 43,350 करोड़ रुपये से 8 फीसदी घटकर सितंबर में लगभग 39,920 करोड़ रुपये रह गया।
क्रेडिट कार्ड लेनदेन बढ़ा
दूसरी ओर, देश में क्रेडिट कार्ड से लेनदेन बढ़ा है। क्रेडिट कार्ड आधारित लेनदेन इस साल सितंबर में लगभग 5 प्रतिशत बढ़कर 1.76 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि अगस्त में यह 1.68 लाख करोड़ रुपये था। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, क्रेडिट कार्ड खर्च में वृद्धि पिछले वर्ष के निचले आधार और त्योहारी सीजन के कारण हुई है, क्योंकि त्योहारी सीजन के दौरान समान मासिक किस्तों जैसी प्रमोशनल योजनाओं में तेजी आई है।
दोगुना हुआ डिजिटल पेमेंट
रिजर्व बैंक के मुद्रा प्रबंधन विभाग के अर्थशास्त्री प्रदीप भुइयां के लेटेस्ट पेपर के अनुसार, भारत में डिजिटल लेनदेन इस तरह से बढ़ गया है कि नकदी का उपयोग, जो अभी भी मार्च 2024 तक उपभोक्ता व्यय का 60 प्रतिशत है, तेजी से घट रहा है। डिजिटल भुगतान की हिस्सेदारी मार्च 2021 में 14-19 प्रतिशत से दोगुनी होकर मार्च 2024 में 40-48 प्रतिशत हो गई, जिसमें यूपीआई ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आरबीआई पेपर के अनुसार, हाल के वर्षों में खुदरा डिजिटल भुगतान (आरडीपी) में शानदार वृद्धि देखी गई है, जो रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट को छोड़कर कुल डिजिटल भुगतान है। 2016 में लॉन्च किए गए यूपीआई ने पिछले पांच सालों में खुदरा डिजिटल भुगतान (आरडीपी) वॉल्यूम में सबसे ज्यादा हिस्सा लिया है।
यूपीआई-आधारित लेनदेन बढ़ा
इस साल की पहली छमाही में यूपीआई-आधारित लेनदेन की मात्रा 52 प्रतिशत बढ़कर 78.97 अरब हो गई, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 51.9 अरब थी। इसी तरह, लेनदेन का मूल्य भी 40 प्रतिशत बढ़कर इस साल के पहले छह महीनों में 83.16 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 116.63 लाख करोड़ रुपये हो गया।
इनपुट- आईएएनएस
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