Deepfake Video: डीपफेक बना मुसीबत, एक्सपर्ट ने बताए बचने के तरीके, आप भी जान लें

Deepfake Video Technology Controversy: डीपफेक वीडियो सिंथेटिक मीडिया होते हैं, जिनमें मौजूद किसी व्यक्ति की तस्वीर या वीडियो को अन्य व्यक्ति की तस्वीर और वीडियो से बदल दिया जाता है। डीपफेक का पता लगाने के लिए कई टूल और उपायों का इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे कि चेहरे के हावभाव, त्वचा की रंगत और प्रकाश व्यवस्था में विसंगतियों की पहचान करना।

डीपफेक तकनीक बनी नई मुसीबत

Deepfake Video Technology Controversy: पहले रश्मिका मंदाना और फिर कटरीना कैफ। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक से तैयार दोनों अभिनेत्रियों के फर्जी वीडियो (Deepfake Video) ने पिछले हफ्ते तहलका मचा दिया था। इस विवाद ने डीपफेक तकनीक का दुरुपयोग रोकने और फर्जी वीडियो की पहचान के लिए बेहतर तकनीक विकसित करने की जरूरत को नये सिरे से उजागर किया है। हाल ही में दिल्ली पुलिस ने भी मामले में कार्रवाई की है। दिल्ली पुलिस ने रश्मिका के डीपफेक वीडियो के संबंध में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। वहीं अमिताभ बच्चन और केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर सहित अन्य लोगों ने इस तकनीक के दुरुपयोग पर चिंता जाहिर की है।

सरकार ने टेक फर्म को जारी की एडवाइजरी

सरकार ने प्रमुख सोशल मीडिया कंपनियों को गलत सूचना, डीपफेक और नियमों का उल्लंघन करने वाली अन्य सामग्री की पहचान करने और रिपोर्ट किए जाने के 36 घंटे के भीतर उन्हें हटाने का परामर्श दिया है।

क्या होते हैं डीपफेक वीडियो?

डीपफेक वीडियो सिंथेटिक मीडिया होते हैं, जिनमें मौजूद किसी व्यक्ति की तस्वीर या वीडियो को अन्य व्यक्ति की तस्वीर और वीडियो से बदल दिया जाता है। हालांकि, डीपफेक तकनीक कई वर्षों से मौजूद है, लेकिन हाल में इसका उपयोग तेजी से बढ़ा से क्योंकि एआई के आने के बाद इसका इस्तेमाल आसान हुआ है, जिससे इसके दुरुपयोग को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।

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