ठगी का नया हथियार बना 'डिजिटल अरेस्ट', जानें क्या है बचने का तरीका
Digital Arrest: एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि साइबर ठगी का शिकार पढ़े लिखे लोग ज्यादा हो रहे हैं। ये वे लोग हैं जो मोबाइल का ज्यादा उपयोग करते हैं, इन्हें साइबर ठग फोन पर धमकाता है और अपने जाल में फंसाता है।
Digital Arrest (image-istock)
Digital Arrest: मध्य प्रदेश में ठगों ने ठगी का एक नया तरीका अपनाया है और वह है डिजिटल अरेस्ट। साइबर ठग ऑनलाइन लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं और लाखों रुपए लूट लेते हैं। बीते कुछ समय में राज्य में साइबर ठगी की वारदातों में तेजी से इजाफा हो रहा है। जानें क्या है डिजिटल अरेस्ट और कैसे इससे सुरक्षित रहें।
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डिजिटल अरेस्ट- ठगी का नया तरीका
डिजिटल अरेस्ट में साइबर ठग खुद को पुलिस अधिकारी बताते हैं और संबंधित के खिलाफ कोई बड़ा मामला होने की बात कह कर धमकाते हैं। जिस फोन के जरिए संपर्क करते हैं उस पर उनकी तस्वीर पुलिस की वर्दी वाले अधिकारी की नजर आती है, जिससे व्यक्ति उनके झांसे में आ जाता है। इस तस्वीर को देखते ही संबंधित व्यक्ति डर जाता है और ठगी का शिकार हो जाता है।
ऐसे बनाते हैं ठगी का शिकार
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक महिला प्रोफेसर और एक सेवानिवृत अधिकारी को इन साइबर ठगों ने अपना शिकार बनाया है। इससे पहले एक महिला इंजीनियर को भी इन ठगों ने अपना शिकार बनाया था। इसके अलावा ग्वालियर, इंदौर सहित कई अन्य स्थानों पर भी इस तरह की वारदातें हुई हैं।
वीडियो कॉलिंग से रखते हैं नजर
पीड़ितों की मानें तो उनके पास फोन आता है और उनके खिलाफ कोई बड़ी शिकायत होने की बात कही जाती है और उसके बाद संबंधित को डिजिटल अरेस्ट किए जाने की बात कही जाती है। डिजिटल अरेस्ट में संबंधित पर वीडियो कॉलिंग के जरिए नजर रखी जाती है। इस दौरान ठग पूरी तरह पीड़ित पर वीडियो कॉलिंग के जरिए नजर रखता है और उसे धमकाता है साथ ही चाही गई रकम अदा करने पर ही प्रकरण खत्म करने का भरोसा दिलाता है। ऐसे में संबंधित व्यक्ति ठग के जाल में फंस जाता है और चाही गई रकम का ऑनलाइन भुगतान कर देता है।
पढ़े लिखे लोग हो रहे शिकार
एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि साइबर ठगी का शिकार पढ़े लिखे लोग ज्यादा हो रहे हैं। ये वे लोग हैं जो मोबाइल का ज्यादा उपयोग करते हैं, इन्हें ठग फोन पर धमकाता है और वे उसके जाल में फंस जाते हैं। जो लोग जागरुक होते हैं, वो इन धमकाने वालों का शिकार नहीं बनते।
साइबर क्राइम के एसीपी सुजीत तिवारी इस तरह की ठगी की वारदातों से बचने के लिए आम लोगों के जागरूक होने की बात कहते हैं। उनका कहना है कि गिरफ्तारी का डर दिखाकर यह ठगी की जाती है, अगर कुछ भी गलत नहीं किया है तो लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। इस तरह का कोई फोन आता है तो पुलिस को सूचित करना चाहिए।
इनपुट-IANS
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