OTT से मिले ज्यादा मौके, नए टैलेंट को भी हुआ फायदा, India Digital Fest में बोले मनोज वाजपेयी

India Digital Fest: कोविड के बाद ओटीटी प्लेटफॉर्म की बढ़ती लोकप्रियता और बॉलीवुड की स्थिति पर अभिनेता मनोज वाजपेयी ने कहा कि डिजिटल क्रांति ने एक्टर्स को अधिक से अधिक मौके दिए। सिनेमा के पास इतनी क्षमता नहीं थी कि इतने सारे टैलेंट को अपने में समाहित कर सके। लेकिन ओटीटी ने यह कर दिखाया।

manoj bajpayee

इंडिया डिजिटल फेस्ट में अभिनेता मनोज वाजपेयी

India Digital Fest: डिजिटल इंडिया फेस्ट में कोविड के डिजिटल प्लेटफॉर्म की लोकप्रियता बरकरार रहने और उसके फायदे, नुकसान पर बॉलीवुड अभिनेता मनोज वाजपेयी ने कहा कि डिजिटल से फायदा ही हुआ है। नुकसान कुछ भी नहीं हुआ है। सिनेमा के पास इतनी क्षमता नहीं थी कि इतने सारे टैलेंट को अपने में समाहित कर सके। जिसके कारण सिनेमा टैलेंट को मौका नहीं दे पा रहा था। वहां चार पांच डिपार्टमेंट में टैलेंट थे और वह उन्हीं पर भरोसा कर रहा था। एक फिक्स फॉर्मूला बन गया था। इसको ले लो, उसको ले लो फिल्म चल जाएगी।

डिजिटल क्रांति से अधिकांश संख्या में टायलेंट को मिला मौका

डिजिटल क्रांति आने के बाद बेहतरीन कंटेंट के साथ अधिक से अधिक टैलेंट को मौका दिया गया। न सिर्फ एक्टर बल्कि हर डिपार्टमेंट के लोगों को मौका मिला। डिजिटल क्रांति आने से पहले यह संभव नहीं था। इस इंडस्ट्री में अप एंड डाउन देखने को मिलते हैं। लेकिन ओटीटी आने के बाद से न सिर्फ मुझे बल्कि अधिकांश संख्या में टैलेंट को मौका मिला। ओटीटी क्रांति की वजह से मुझे आज भी काम मिल रहा है। ओटीटी और स्मॉल स्क्रीन के प्रभाव पर उन्होंने कहा कि कोविड के बाद लोग थिएटर नहीं के बराबर जाते हैं। और यह सच्चाई है। अधिकांश परिवार सिनेमा हॉल में फिल्म देखने नहीं जाता है। इसका स्थान ओटीटी ने लिया है।

कोविड में लोगों ने स्ट्रीमिंग प्लेटफॉम ज्यादा इस्तेमाल किया

Applause इंटरटेनमेंट के एमडी समीर नायर ने कहा कि आरआरआर, पठान, पुष्पा समेत कई मूवी ने अच्छी कमाई की है। दो साल तक थिएटर बंद थे। लोगों ने स्ट्रीमिंग प्लेटफॉम का इस्तेमाल किया। लोगों ने नए कॉन्टेंट को स्वीकार किया। अब लोगों के पास कई ऑप्शन हैं। ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अधिकांश एक्टर को मौका मिलता है। मनी, व्यूवरशिप एक कंप्लीकेडेट इश्यू है लेकिन आशावादी होना चाहिए।

लिविंग रूम में फिल्म देख सकते हैं तो थिएटर में क्यों जाएं

कोविड के बाद होटल, रेस्तरां, बस ट्रेन में काफी भीड़ देखने को मिली लेकिन थिएटर में ऐसा क्यों नहीं है। खासकर बॉलीवुड फिल्मों के देखने के लिए लोग क्यों नहीं जा रहे हैं? लोग ओटीटी क्यों देख रहे हैं? इस सवाल के जवाब में मनोज वाजपेयी ने कहा कि साउथ की फिल्मों पर कोविड का उतना प्रभाव नहीं पड़ा। लेकिन हिंदी फिल्मों पर ज्यादा प्रभाव पड़ा। इसकी वजह है कि सभी फिल्में लिविंग रूम में मौजूद है तो लोग क्यों थिएटर में जाएंगे। थिएटर जाकर ज्यादा पैसा क्यों खर्च करेंगे।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | टेक एंड गैजेट्स (tech-gadgets News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited