Elon Musk: मस्क क्यों हो गए अंबानी-मित्तल से नाराज, जानें क्या है सेटेलाइट का मामला

Elon Musk And Mukesh Ambani: अंबानी की दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो पुराने टेलीकॉम कंपनियों को समान अवसर देने के लिए नीलामी के जरिये ऐसे स्पेक्ट्रम आवंटित करने की जरूरत पर बल दे चुकी है। भारती एयरटेल के प्रमुख मित्तल ने भी मंगलवार को ऐसे आवंटन के लिए बोली लगाने की जरूरत बताई है।

अंंबानी और मस्क आमने-सामने

Elon Musk And Mukesh Ambani:दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने उपग्रह-आधारित संचार में इस्तेमाल होने वाले स्पेक्ट्रम का आवंटन नीलामी के जरिये किए जाने की भारतीय अरबपति मुकेश अंबानी और सुनील भारती मित्तल की मांग को 'अभूतपूर्व' बताते हुए निशाना साधा है।अंबानी की दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो पुराने टेलीकॉम कंपनियों को समान अवसर देने के लिए नीलामी के जरिये ऐसे स्पेक्ट्रम आवंटित करने की जरूरत पर बल दे चुकी है। भारती एयरटेल के प्रमुख मित्तल ने भी मंगलवार को ऐसे आवंटन के लिए बोली लगाने की जरूरत बतायी।

मस्क की स्टारलिंक के जरिए भारत में आने की तैयारी

स्टारलिंक दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते मोबाइल टेलीफोन और इंटरनेट बाजार भारत में कदम रखने की योजना बना रही है। और वह ग्लोबल परिपाटी के अनुरूप उपग्रह-आधारित संचार के लिए लाइसेंसों का प्रशासनिक आवंटन किए जाने की मांग कर रही है। दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी इस रुख से सहमति जताते हुए कहा कि दूरसंचार तरंगों को नीलामी के बजाय प्रशासनिक आवंटन के जरिये दिया जाएगा।

सरकार का क्या है रुख

सिंधिया ने कहा कि दूरसंचार अधिनियम, 2023 ने इस मामले को 'अनुसूची एक' में रखा है, जिसका मतलब है कि उपग्रह संचार स्पेक्ट्रम को प्रशासनिक रूप से आवंटित किया जाएगा।उन्होंने कहा, "इसका मतलब यह नहीं है कि स्पेक्ट्रम बिना लागत के आता है। वह लागत क्या होगी और उस लागत का फॉर्मूला क्या होगा, यह ट्राई तय करेगा। ट्राई पहले ही इस पर एक अध्ययन पत्र ला चुका है। दूरसंचार नियामक को संविधान ने यह तय करने का अधिकार दिया है कि प्रशासनिक मूल्य क्या होने वाला है। मंत्री ने भरोसा जताया कि ट्राई सबसे अच्छी कीमत तय करेगा जिसे अपनाया जाना चाहिए, बशर्ते कि यह प्रशासनिक तरीके से दिया जा रहा हो।

End Of Feed