Elon Musk Starlink: मस्क के स्टार लिंक को लाइसेंस जल्द, जानें भारत में कैसे बदलेगा इंटरनेट का दौर
Elon Musk Starlink: मस्क की कंपनी स्टारलिंक के पास धरती की निचली कक्षा में स्थापित 4,000 उपग्रहों का समूह है जिससे वह उपग्रह के जरिये इंटरनेट सेवाएं मुहैया करा सकती है।टेस्ला और सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ के भी मालिक मस्क अगले हफ्ते भारत के दौरे पर आने वाले हैं। उनकी 21-22 अप्रैल की भारत यात्रा के दौरान कई बड़ी निवेश योजनाओं की घोषणा होने की उम्मीद है।
एलन मस्क स्टार लिंक
Elon Musk Starlink:एलन मस्क की भारत यात्रा से पहले टेक अरबपति की उपग्रह-आधारित इंटरनेट सेवा स्टारलिंक को कथित तौर पर संचार मंत्रालय से अस्थायी मंजूरी मिल गई है। रिपोर्टों के अनुसार अनुमोदन प्रक्रिया इस समय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव के डेस्क पर है और कुछ सुरक्षा मुद्दों पर गृह मंत्रालय से अंतिम मंजूरी का इंतजार है।रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि विदेशी निवेश और नेट वर्थ जैसे मुद्दों पर कॉमर्शियल पार्ट की जांच की गई है और लाइसेंसिंग शर्तों के अनुसार तकनीकी जरूरतों की जांच की गई है। अगर स्टार लिंक को लाइसेंस मिल जाता है तो भारत में सुदूर क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाएं पहुंचाना बेहद आसान हो जाएगा।
मस्क को क्या फायदा
सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और वित्तीय पहलू निर्धारित शर्तों एवं प्रावधानों के अनुरूप पाए गए हैं। इसके अलावा स्टारलिंक से स्वामित्व ‘उद्घोषणा’ भी मिल गई है। स्टारलिंक को वैष्णव से मंजूरी मिल जाने पर उसे सैटेलाइट (जीएमपीसीएस) सेवाओं द्वारा ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन लाइसेंस जारी किया जाएगा, जो देश में सैटेलाइट संचार सेवाएं प्रदान करने के लिए जरूरी है।मस्क ने पहले भी भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने का प्रयास किया था। नवीनतम प्रयास नवंबर 2022 में किया गया था, जब स्टारलिंक ने जीएमपीसीएस लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। हालांकि, उचित लाइसेंस के बिना पूर्व-आदेशों पर सरकार के साथ असहमति के कारण देश में नियोजित उपग्रह संचार सेवा परीक्षणों को रद्द कर दिया गया।
क्या है स्टार लिंक
मस्क की कंपनी स्टारलिंक के पास धरती की निचली कक्षा में स्थापित 4,000 उपग्रहों का समूह है जिससे वह उपग्रह के जरिये इंटरनेट सेवाएं मुहैया करा सकती है।टेस्ला और सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ के भी मालिक मस्क अगले हफ्ते भारत के दौरे पर आने वाले हैं। उनकी 21-22 अप्रैल की भारत यात्रा के दौरान कई बड़ी निवेश योजनाओं की घोषणा होने की उम्मीद है। जिसमें स्टारलिंक की लॉन्चिंग और देश में 2 से 3 अरब डॉलर के बीच निवेश शामिल है। मस्क की यह यात्रा देश में नई इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति की घोषणा होने के कुछ ही सप्ताह बाद हो रही है। इस नीति में न्यूनतम 50 करोड़ डॉलर के निवेश के साथ देश में विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने वाली ईवी कंपनियों को आयात शुल्क में रियायतें दी जाएंगी। इस कदम का उद्देश्य टेस्ला जैसी प्रमुख वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करना है।
पिछले साल बदला गया था नियम
सरकार ने पिछले साल दिसंबर में दूरसंचार विधेयक 2023 पारित किया था, जो नीलामी में भाग लेने की जरूरत के बिना उपग्रह-आधारित सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन की अनुमति देता है। यह कदम वनवेब, मस्क के स्टारलिंक और अमेजन के कुइपर जैसी कंपनियों के पक्ष में है। पिछले हफ्ते, टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए अपनी भारत यात्रा की पुष्टि की।
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